वैसे तो पहले भी सामाजिक तौर (Socially) पर इंटरनेट (Internet) के नुकसानों को बयां करते हुए कई शोध (Study) किए जा चुके हैं, जिनका एक ही परिणाम सामने आया है कि, एक कमरे में बंद, इंटरनेट (Internet) पर अधिक समय व्यतीत करने वाले व्यक्ति को सामाजिक संबंधों में हानि (Social Loss) का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति लगातार आभासी दुनियां (Virtual Communities) से घिरे रहने के कारण धीरे-धीरे अपनी वास्तविक ज़िन्दगी (Real Life) और उससे जुड़े कई लोगों, जैसे अपने परिवार, दोस्तों आदि से कट जाता है.
लेकिन हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण ने यह बात साबित कर दी है कि भले ही सामाजिक दृष्टिकोण (Aspect) से इंटरनेट (Internet) के कई नुकसान हों लेकिन व्यक्तिगत जीवन के लिए यह खासा उपयोगी (Beneficial) साबित होता है, खासकर जीवन साथी (Life-Partner) ढूंढ़ने में तो इंटरनेट (Internet) का कोई सानी नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट पर अधिक समय व्यतीत करने वाले व्यक्ति प्रेम संबंधों और जीवन साथी के मामले में अधिक रुमानी (Romantic) होते हैं, बजाए उनके जो इसका कम प्रयोग करते हैं.
अकसर देखा गया है कि इंटरनेट (Internet) पर अधिक समय बिताने से लोग एक-दूसरे के काफी नजदीक आ जाते हैं, कुछ अच्छे दोस्त बन जाते हैं, तो कुछ रिश्तें दोस्ती से आगे बढ़ जाते हैं.
आजकल की भागती-दौड़ती जीवनशैली (Lifestyle) में, व्यक्तिगत रूप (Personally) से मिलने का समय किसी के पास हो ना हो, कंप्यूटर (Computer) सबके पास होता है, जिसकी मदद से ऑफिस (Office) या घर पर बैठे-बैठे ही लोग एक-दूसरे के संपर्क मे रहते हैं.
इसी के चलते लोग एक-दूसरे को, एक दूसरे की पसंद-नापसंद को भली-भांति समझने लगते हैं और इसी समझ (Understanding) के आधार पर, आपसी सहमति से (Mutual Consent) विवाह (Marriage) करने का निश्चय कर लेते हैं. परिणामस्वरूप उनके बीच के रिश्ते के अधिक स्थिर (Stable) और भावनात्मक रूप (Emotionally) से मजबूत रहने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है.
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