राहुल जब भी ऑफिस से घर लौटता है बिना किसी से बात किए सीधा अपने कमरे में चला जाता है. कभी-कभार तो वह इतना थक जाता है कि बिस्तर पर लेटते ही उसकी आंख लग जाती है. वह ना तो अपने दोस्तों से मिल पाता है और ना ही अभिभावकों को समय दे पाता है. परिवार वाले नाराज तो हैं पर उसकी खुशी के लिए कुछ नहीं कहते हैं.
यही हाल प्रीती का भी है. प्रीती का वैवाहिक जीवन भी उसकी व्यस्तता के कारण संकट के साये से घिरा हुआ है. ऑफिस में पूरा दिन काम करने के बाद वह इतनी थक जाती हैं कि घर लौट कर वह ना तो अपने पति के साथ समय बिता पाती है और ना ही बच्चों के किसी भी कार्य में भाग ले सकती है.
ऐसे हालातों से हर वो इंसान गुजरता है जो ऑफिस या व्यवसाय के कारण पूरा दिन व्यस्त रहता है. पूरा दिन काम करने के कारण वह इतना थक जाता है कि परिवार को समय देना उसके लिए बहुत भारी पड़ जाता है. निःसंदेह आपका ऐसा स्वभाव परिवार के लोगों को पसंद नहीं आएगा. आपके और परिवार वालों के बीच भावनात्मक लगाव भी कम होने लगता है.
लेकिन अगर काम के बीच थोडा ब्रेक ले लिया जाए ताकि घर वापस जाकर आप फिर से तरोताजा महसूस करें, तो इसमें किसी भी प्रकार की कोई बुराई नहीं है. काम करना जितना जरूरी हैं उतना ही परिवार वालों को समय देना भी आवश्यक है. पूरे दिन काम कर आपको थकान होना लाजमी ही है. इसीलिए अगर आप दिन में अपने काम के बीच खुद को थोड़ा आराम देते हैं तो आपके लिए फायदेमंद साबित होगा. निम्नलिखित बिंदु इस कार्य में आपकी थोड़ी सहायता कर सकते हैं, ताकि आप अपने अपने मूड को सजीव रख सकें.
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