अगर आपको संगीत से लगाव है तो फिर खुश हो जाइए, क्योंकि बीमार होने पर यह आपके लिए दवा भी काम करेगा। अब म्यूजिकल थेरेपी को मेडिकल ट्रीटमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में म्यूजिकल थेरेपी को शामिल किया गया है। मशहूर सूफी गायिका जिला खान हॉस्पिटल में इस म्यूजिकल थेरेपी सेंटर का संचालन करेंगी। उन्होंने बताया कि दवाओं की तरह म्यूजिकल पिल्स (म्यूजिक की सीडी) भी लॉन्च करने की तैयारी चल रही है। इन म्यूजिकल पिल्स पर यह लिखा होगा कि किस बीमारी में कौन सी सीडी का संगीत मरीज के लिए फायदेमंद होगा। जिस तरह दवाएं हमारे शरीर के भीतर होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं को संतुलित करती हैं। म्यूजिकल थेरपी भी ठीक उसी तरह काम करती है। यह एक तरह की सपोर्टिव थेरेपी है, जिसका इस्तेमाल मुख्यउपचार के साथ बीमार व्यक्ति को शीघ्र स्वस्थ करने के लिए किया जाता है।
इस पद्धति के जरिये उपचार शुरू करने से पहले मरीज की पूरी केस हिस्ट्री ली जाती है। इसमें उसकी बीमारी से संबंधित मुख्य जानकारियों के अलावा, मरीज के व्यक्तित्व और रुचियों से लेकर घर और कार्यस्थल से जुडी तमाम जानकारियां हासिल की जाती हैं। इसके बाद मरीज को म्यूजिकल थेरेपी की स्पेशल चेयर पर बैठाया जाता है और उसे तकरीबन आधे घंटे तक अलग-अलग तरह का संगीत सुनाया जाता है। इसमें सूफी और शास्त्रीय संगीत से लेकर पॉप और रॉक म्यूजिक तक शामिल होता है। स्पेशल चेयर की सपोर्ट से लगे कुछ खास उपकरणों के माध्यम से संगीतसुनने के दौरान मरीज के शरीर में होने वाले केमिकल रिएक्शन का ग्राफ तैयार किया जाता है। जिस संगीत को सुनने के बाद मरीज के शरीर में सबसे अधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया होती है, इलाज के लिए उसी संगीत का चुनाव किया जाता है। डिप्रेशन और हाइपरटेंशन जैसे मनोरोगों के उपचार में यह पद्धति बहुत फायदेमंद साबित होती है। कैंसर, हृदय रोग, अर्थराइट्सि और नर्वस सिस्टम से संबंधित बीमारियों के इलाज में भी यह थेरेपी कारगर साबित होती है।
साभार – जागरण याहू
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