वैसे तो पुरुषों के विषय में हम यही सुनते आए हैं कि वह कभी किसी एक महिला के लिए समर्पित नहीं रह सकते. वैवाहिक संबंध हो या फिर प्रेम संबंध वह प्रतिबद्धता बरकार नहीं रख सकते. लेकिन एक नए अध्ययन द्वारा यह स्पष्ट होता है कि जिन महिलाओं को हम भावुक और समर्पित मानते हैं भले ही पुरुषों से कुछ हद तक कम लेकिन वह भी एक से ज्यादा पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध रखती हैं.
द हेल्थ सर्वे ऑफ इंग्लैंड द्वारा संपन्न इस शोध के अनुसार एक औसत पुरुष अपने जीवन में 9 महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध रखता है. वहीं महिलाएं भी 4-5 पुरुषों के साथ संबंध बनाती हैं. उनका यह संबंध विवाह से पहले भी हो सकता है और बाद में भी. शोधकर्ताओं की मानें तो ज्यादातर पुरुष दोस्तों में तथाकथित सम्मान पाने के लिए झूठ भी बोलते हैं कि उन्होंने 10-15 महिलाओं के साथ संबंध बनाए हैं. लेकिन शोध में शामिल एक-तिहाई महिलाओं का यह भी कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में बस एक ही पुरुष के साथ संबंध रखा है.
शोध की विभिन्न स्थापनाओं के अनुसार 24 प्रतिशत ब्रिटिश महिलाओं और 17 प्रतिशत ब्रिटिश पुरुषों ने अपने जीवन में बस एक ही साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं वहीं 27 प्रतिशत पुरुष और 13 प्रतिशत महिलाओं ने एक से ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.
यूं तो पाश्चात्य देशों में विवाह से पहले शारीरिक संबंध स्थापित करने जैसे विषय कोई महत्व नहीं रखते. क्योंकि वहां की अत्याधुनिक जीवनशैली में सेक्स भी आम दिनचर्या का एक हिस्सा बन गया है. इसलिए इस बात से भी कोई खास अंतर नहीं पड़ता कि महिला-पुरुष कितने लोगों के साथ संबंध बनाते हैं लेकिन अब आधुनिक होते भारतीय परिदृश्य में भी महिला-पुरुष के बीच अफेयर या प्रेम संबंध होना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है. कॉलेज में साथ पढ़ने या एक ही ऑफिस में काम करने वाले युवक-युवतियों के बीच परस्पर आकर्षण विकसित होना सामाजिक व्यवस्था में बड़े ही प्रभावी ढंग से शामिल हो गया है. डेटिंग करना, साथ घूमने जाना युवा संस्कृति बन कर उभरने लगा है. लेकिन इन सब के बावजूद आज भी दो विपरीत लिंग के लोगों के बीच विवाह से पहले किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध को निंदनीय और अनैतिक कृत्य के तौर पर ही देखा जाता है. निश्चित तौर पर विवाह पूर्व शारीरिक संबंध हमारी मान्यताओं और मौलिक विशेषताओं पर गहरा आघात करते हैं लेकिन हम वास्तविकता को भी नजर अंदाज नहीं कर सकते कि आज विवाह से पहले या विवाहेत्तर शारीरिक संबंध जैसे अनैतिक कृत्यों का अनुसरण यहां भी प्रमुखता से किया जा रहा है. हालांकि इस श्रेणी में सभी युवाओं या वैवाहिक लोगों को शामिल करना न्यायसंगत नहीं है लेकिन अब भारत में भी एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर और प्रीमैरिटल सेक्स प्रमुख रूप ले चुके हैं.
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