अगर आप अपने शरीर को छरहरा बनाने के लिए डायटिंग करने की तैयारी में हैं, तो एक बार फिर सोच लीजिए। एक नए शोध में दावा किया गया है कि डायटिंग कष्टदायक होने के साथ व्यक्ति को चिड़चिड़ा और गुस्सैल बना देती है। ब्रिटिश अखबार द डेली टेलीग्राफ के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि खाने पर काबू रखने के लिए स्वनियंत्रण की प्रक्रिया से स्वभाव गुस्सैल हो सकता है और हिंसक फिल्मों की ओर रुझान भी बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष तीन परीक्षणों के गंभीर अध्ययन के बाद निकाला है। पहले प्रयोग के तहत जिन लोगों ने चॉकलेट के बजाय सेब खाने के लिए चुना, उन्होंने किसी आम फिल्म की बजाय हिंसक और बदले की भावना से भरपूर फिल्मों को तवज्जो दी।
दूसरे प्रयोग में अपने खाने के खर्च पर नियंत्रण रखने वालों ने डरे हुए लोगों के बजाय गुस्से से भरे चेहरे देखने में अधिक रुचि दिखाई। तीसरे प्रयोग के तौर पर पाया गया कि सार्वजनिक नीति से संबंधित मामलों में डायटिंग करने वाले लोगों के विचार काफी उग्र और नकारात्मक थे।
शोध के प्रमुख लेखक डेविड गाल ने कहा, हमने पाया कि अधिक स्व नियंत्रण से स्वभाव गुस्सैल हो सकता है और यह डायटिंग के मामले में भी लागू होता है। अध्ययन के सह लेखक और कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर वेंडी लियू ने कहा कि शोध में पता चला है कि स्व नियंत्रण पर जोर लगाने से लोगों का बर्ताव अन्यों के प्रति ज्यादा आक्रामक हो जाता है और डाइटिंग कर रहे लोगों को चिड़चिड़ा और जल्दी गुस्सा करने वाला माना जाता है। यह अध्ययन जनरल ऑफ कंज्यूमर रिसर्च में प्रकाशित हुआ है।
साभार: दैनिक जागरण ई पेपर
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