अच्छी नौकरी पाने का सपना हर कोई देखता है जिससे नाम के साथ-साथ भरपूर पैसा भी मिले. प्राय: देखा जाता है कि नौकरी लगते ही लोग अपने सपनों के दायरे को और अधिक बढ़ाते रहते हैं. पहले उनकी इच्छाएं बहुत हद तक सीमित होती हैं लेकिन नौकरी लगने के साथ ही वह अपनी महत्वाकांक्षाओं और अपेक्षाओं को विस्तृत कर देते हैं. इसके लिए आय में वृद्धि होना भी जरूरी है इसीलिए हर नौकरी पेशा व्यक्ति के लिए उसकी आय में बढ़ोत्तरी से ज्यादा बड़ी खुशी और कोई नहीं हो सकती.
यूं तो पाश्चात्य देशों में रहने वाले लोगों को अपेक्षाकृत अधिक विलासी और महत्वाकांक्षी समझा जाता है लेकिन एक नए अध्ययन के अनुसार ब्रिटेन के लोगों के लिए आय में वृद्धि या उनकी आय बिलकुल मायने नहीं रखती. वह तो बस इसी बात से खुश रहते हैं कि वह नौकरी करते हैं.
हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण की मानें तो ब्रिटिश लोग अपनी आय को लेकर बिल्कुल उत्साहित नहीं रहते. उनके लिए अगर कुछ जरूरी है तो वह है उनका नौकरी करना. फिर चाहे उनकी सैलेरी ज्यादा हो या कम उन्हें इससे कोई अंतर नहीं पड़ता.
टेलीग्राफ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार लंदन में संपन्न इस सर्वेक्षण में 2,000 लोगों को शामिल किया गया और उनसे जॉब, परिवार और आपसी संबंधों से जुड़े कुछ सवाल किए गए. जिसमें हर दस में से नौ लोगों का यही कहना है कि वे जॉब से होने वाली आय से ज्यादा अपनी जॉब को अहमियत देते हैं. उनके लिए नौकरी करना अपने आप में ही एक सुखद बात है. उनकी आय कम ही सही लेकिन वह इसी बात से संतुष्ट हैं कि वे काम करते हैं.
अगर हम इस ब्रिटिश मानसिकता को भारतीय लोगों के अनुसार देखें तो यह बात हम कतई नकार नहीं सकते कि हम व्यक्ति को उसकी जॉब से नहीं बल्कि उसे होने वाली आय से महत्व देते हैं. अर्थात अगर कोई व्यक्ति छोटी सी जॉब में ज्यादा कमाता है तो उसे परिवार और आसपास के लोगों द्वारा सम्मान दिया जाता है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति कम सैलेरी लेता है तो उसे योग्य नहीं समझा जाता. इसीलिए शायद हम हमेशा अधिकाधिक आय की चाहत रखते हैं. पैसे कमाना या ज्यादा आमदनी होना अच्छी बात है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है योग्य बनना जिसकी ओर हम ध्यान ही नहीं देते. हमारी मानसिकता के अनुसार हम मेहनत से बचना भी चाहते हैं और ज्यादा आमदनी भी पाना चाहते हैं जो शायद संभव नहीं है.
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