प्रकृति ने महिला और पुरुष को एक-दूसरे के पूरक के तौर पर बनाया है. इसीलिए मनुष्य का अपने विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होना एक स्वाभाविक लक्षण है. यही आकर्षण आगे चलकर प्रेम संबंध या फिर विवाह जैसे सामाजिक और धार्मिक संबंध में तब्दील होता है. आमतौर पर हम यह मानते हैं कि महिलाओं को मजबूत कद-काठी और माचो दिखने वाले पुरुष ज्यादा आकर्षित करते हैं. वह उन पुरुषों में ज्यादा दिलचस्पी लेती हैं जिनका बाहरी व्यक्तित्व प्रभावी और चेहरा एक कठोर छवि वाला होता है.
लेकिन एक नए अध्ययन ने इस मान्यता और महिलाओं की प्राथमिकताओं के कयास को पूरी तरह निरर्थक साबित कर दिया है. क्योंकि इस स्टडी के अनुसार महिलाओं को माचो दिखने वाले पुरुष नहीं बल्कि कोमल या फेमिनिन दिखने वाले पुरुष ज्यादा आकर्षित करते हैं.
न्यूयॉर्क और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक साझा अध्ययन के बाद यह नतीजा निकाला है कि महिलाओं को माचो लुक नहीं बल्कि कोमल चेहरे ज्यादा पसंद आते हैं. उन्हें एक ऐसे पुरुष की तलाश रहती हैं जो देखने में सॉफ्ट हो और जिनके चेहरा बहुत गोरा नहीं बल्कि गहरा या गेहुएं रंग का हो.
लेकिन अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि महिलाओं को सॉफ्ट चेहरे वाले पुरुष पसंद हैं तो संभवत: पुरुषों को कठोर चेहरे वाली महिलाएं पसंद होंगी, तो ऐसा बिलकुल नहीं है. क्योंकि आज भी पुरुष उन्हीं पुरानी प्राथमिकताओं का अनुसरण कर रहे हैं जिसके अनुसार कोमल और डेलिकेट महिलाएं ही उनकी पहली पसंद हैं.
इस स्टडी के अंतर्गत वैज्ञानिकों ने महिलाओं और पुरुषों के दो गुट बनाए. महिलाओं को पुरुषों के और पुरुषों को महिलाओं के कंप्यूटर द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के चेहरे दिखाए. वैज्ञानिकों ने पाया कि महिलाओं को कठोर फीचर्स से ज्यादा वे चेहरे आकर्षक लगे जो देखने में बहुत कोमल थे. वहीं पुरुषों ने भी कोमल चेहरों में ही दिलचस्पी ली. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह अध्ययन पूर्व में हुए अध्ययनों से कहीं ज्यादा जटिल है क्योंकि यह महिलाओं की प्राथमिकताओं को पूरी तरह बदल कर रखने वाला है. लेकिन इस शोध के बाद हमें इस सवाल का जवाब मिल गया है कि पुरुषों की कठोरता और पौरुष छवि महिलाओं को कितना आकर्षित करती है.
निश्चित तौर पर यह अध्ययन कुछ चुनिंदा विदेशी महिलाओं की प्राथमिकताओं पर आधारित है इसीलिए इसे सार्वजनिक तौर पर लागू करना सही नहीं होगा. वैसे भी भारतीय महिलाओं की पसंद पाश्चात्य महिलाओं से हमेशा ही भिन्न रही है. ऐसे में इस शोध को सही करार देना कोई आवश्यक नहीं है. वैयक्तिक प्राथमिकता और मानसिकता ही पसंद-नापसंदका निर्धारण करती है. हो सकता है कुछ महिलाओं को कोमल और सॉफ्ट पुरुष पसंद हों लेकिन उनकी पसंद को अन्य महिलाओं पर लागू नहीं किया जा सकता.
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