फिल्मों या किस्से-कहानियों में आपने कई बार ऐसी प्रेम कहानियों को देखा या सुना होगा जिसमें एक अमीर नायिका एक बेहद मध्य आय वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले नायक के प्रेम में पड़कर सब कुछ भुला देती है. नायिका के लिए उसके प्रेमी के आगे धन-दौलत, दुनियां के सारे ऐशो आराम कोई मोल नहीं रखते. वह अपने अमीर पिता और समाज से लड़-झगड़कर किसी तरह गरीब प्रेमी से विवाह करने में सफल हो जाती है और दोनों एक खुशहाल वैवाहिक जीवन जीते हैं. नायक बाहर जाकर छोटी-मोटी नौकरी करता है और नायिका अपना समय घर संभालने और खाना बनाने में लगा देती है.
ऐसी कहानियां देखने में तो बहुत पसंद आती हैं लेकिन यह कितनी वास्तविक और व्यवहारिक हैं यह बात आज की महिलाएं बेहतर बता सकती हैं. वैसे तो प्रेम संबंध कभी आर्थिक हालातों पर निर्भर नहीं रहे लेकिन आज की नारी प्रेम करने से पहले धन-दौलत और आमदनी को ही प्रमुखता देने लगी है.
चीन में हुए एक सर्वे के अनुसार चीनी महिलाएं एक अमीर और ज्यादा पैसा कमाने वाले पुरुष के साथ ही डेट पर जाना चाहती हैं. वह ऐसे पुरुषों से खुद को दूर ही रखती हैं जिनकी आय अधिक नहीं है. एक निजी डेटिंग और मैट्रिमोनियल वेबसाइट के संयुक्त सर्वेक्षण के दौरान 80 प्रतिशत महिलाओं ने यह बात स्वीकार की है कि वह किसी अमीर व्यक्ति के साथ ही संबंध रखना चाहती हैं. वे पुरुष जो प्रतिमाह 4,000 युआन (35,000 रुपए) से कम कमाते हैं चीनी महिलाएं उनसे दूरी बनाए रखना चाहती हैं.
चीन के एक सरकारी समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार लगभग एक-तिहाई चीनी महिलाओं ने 10,000 युआन (83,000 रुपए) कमाने वाले पुरुषों को अपनी लिस्ट में पहला स्थान दिया है. उल्लेखनीय है कि इस सर्वेक्षण में 50,000 महिलाओं को शामिल किया गया था. जिनका कहना है कि जिस पुरुष से वे विवाह करना चाहती हैं उसके पास अच्छी आय के अलावा अपना घर और बैंक बैलेंस भी होना चाहिए.
भले ही यह चीनी महिलाओं की प्राथमिकता और उनकी मानसिकता को प्रदर्शित करता शोध है. लेकिन भारतीय महिलाओं की सोच भी इससे कुछ ज्यादा भिन्न नहीं है. वह भी एक ऐसे पुरुष को ही अपने जीवन साथी के रूप में देखती हैं जो आत्म-निर्भर होने के साथ-साथ उन्हें एक सुखद जीवन देने की काबिलियत भी रखता हो. वैसे भी आज के भौतिकवादी युग में पैसे की अहमियत बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है. व्यक्ति की खुशहाली और उसका सामाजिक मान भी उसके आर्थिक हालातों पर ही निर्भर करता है. ऐसे में अगर भारतीय महिलाएं भी सुखद भविष्य की कामना करती हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है.
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