भारतीय परिदृश्य में महिलाओं को हमेशा पुरुषों से कमतर ही आंका जाता है. पारिवारिक पक्ष हो या सामाजिक, महिला को पुरुष के समकक्ष रखने में हमेशा से ही कोताही बरती जाती है. महिला चाहे कितनी ही योग्य क्यों ना हो उसकी काबिलियत पुरुष प्रधान समाज की नजर में हमेशा संदेहास्पद ही रहती है. यद्यपि आज महिलाएं पुरुषों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं लेकिन हर कदम पर उनकी अवहेलना करना अब हमारी आदत में शुमार हो गया है.
अब ड्राइविंग को ही ले लीजिए, जब सड़क पर कोई महिला गाड़ी चला रही होती है तो भी उसे अन्य पुरुष चालक नौसीखिया ही समझते हैं. भले ही वह एक अच्छी ड्राइवर ही क्यों ना हो लेकिन अन्य चालक उसे राह चलते छोटी-मोटी सीख या गाड़ी चलाने के तरीके के बारे में बता ही जाते हैं.
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो महिलाओं को अच्छा ड्राइवर नहीं मानते और हर कदम पर उनकी दक्षता में खामिया ही निकालते रहते हैं तो हाल ही में हुआ एक शोध आपकी इस मानसिकता को बदल सकता है. क्योंकि इस शोध द्वारा यह प्रमाणित किया गया है कि महिलाएं ना सिर्फ एक अच्छी ड्राइवर हैं बल्कि अगर गाड़ी कहीं पार्क करनी हो तो भी वह पुरुषों से ज्यादा समझदारी से काम लेती हैं.
जर्मनी स्थित रुह्र यूनिवर्सिटी द्वारा संपन्न इस अध्ययन में यह स्पष्ट किया गया है कि यद्यपि महिलाएं गाड़ी पार्क करने में थोड़ी देर लगाती हैं लेकिन वह पुरुषों के मुकाबले कहीं बेहतर तरीके से गाड़ी खड़ी करती हैं. यह अपने आप में पहली ऐसी रिसर्च है जो महिला और पुरुष के ड्राइविंग स्किल पर आधारित है.
इससे पहले कि आपको यह रिसर्च बेकार और निरर्थक प्रतीत हो आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि शोधकर्ताओं ने कई मानदंडों के आधार पर महिलाओं को बेस्ट पार्कर की उपाधि दी है. रिसर्च से जुड़े शोधकर्ताओं का कहना है कि महिलाएं गाड़ी पार्क करने के लिए सही जगह का ही चुनाव करती हैं भले ही इसमें थोड़ा ज्यादा समय क्यों ना लग जाए. अगर वह ड्राइविंग में थोड़ी चतुराई से काम लेती हैं तो फिर भी वह आसपास की गाड़ियों का ध्यान रखती हैं. इतना ही नहीं वह अपने परीक्षक द्वारा सिखाए गए सभी तरीकों को ध्यान से सुनती और फिर उसी समझदारी के साथ उन्हें अपनाती भी हैं.
ब्रिटेन की 700 गाड़ियों और लगभग 25,000 चालकों की दक्षता को इस अध्ययन में शामिल किया गया जिसके आधार पर वैज्ञानिकों ने माना है कि महिलाएं, पुरुषों से कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से गाड़ी पार्क कर सकती हैं.
वैसे गाड़ी चलाने से ज्यादा गाड़ी को पार्क करना मुश्किल समझा जाता है इसीलिए अगर महिलाएं गाड़ी अच्छी तरह पार्क कर सकती हैं तो बहुत हद तक संभव है कि वह अच्छी ड्राइविंग भी कर सकती हैं. लेकिन जैसे कि यह अध्ययन विदेशी महिलाओं पर केन्द्रित है इसीलिए इसे भारतीय परिवेश के अनुसार भी देखा जाना चाहिए. लेकिन एक मुख्य बात यह भी है कि अच्छी या बुरी ड्राइविंग करना महिला या पुरुष से जुड़ा नहीं बल्कि वैयक्तिक मसला है. इसीलिए यह कहना कि महिलाएं अच्छी ड्राइवर हैं और पुरुष बुरे या फिर पुरुष अच्छे ड्राइवर हैं, न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता.
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