प्यार मन प्रफुल्लित कर देता है. प्यार के बारे में यह कहा जाता है कि “प्यार के सामने दुनियां की सभी खुशियां फ़ीकी रहती हैं.” प्यार तो वह अमृत है जो पत्थरों में भी फूल खिला देता है.” लेकिन तब क्या होता है जब हमारा प्यार हमसे रूठ जाता है. किसी कारणवश प्यार के रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है. ऐसी स्थिति में कुछ भी करने का मन नहीं करता. दिलो-दिमाग पर मायूसी का भूत शुमार रहता है. लोग लैला- मजनू बने फिरते हैं और आत्महत्या का ख्याल मन में घूमने लगता है. और हमें सताने लगता है डिप्रेशन.
अब शोधकर्ताओं का भी मानना है कि डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है “प्यार में हार”. स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन ने इस बात को साबित करने के लिए 1,000 जोड़ों पर एक शोध किया. जिनसे डिप्रेशन के कारणों पर तरह-तरह के प्रश्न पूछे गए. शोध के आंकड़ों का निरीक्षण करने के बाद पाया गया कि लगभग 42% जोड़ों का मानना था कि प्यार में नाकामयाबी डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है. जबकि 18% का कहना था कि ऑफिस या किसी कार्य में नाकामयाबी उनको डिप्रेशन देती है.
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शोधकर्ताओं का यह कहना था कि डिप्रेशन जब किसी व्य क्ति के दिल और दिमाग में घर कर जाता है, तो उसके जीवन पर जबरदस्तद प्रभाव डालता है. जिससे उसके रोजमर्रा के काम-काज, उसका आचरण, लाइफस्टाइल, सेक्स लाइफ, इत्यादि बुरी तरह प्रभावित होते हैं. मानसिक तनाव से घिरा हुआ व्यफक्ति के सोचने की क्षमता भी प्रभावित होती है वह बुरे-भले में अंतर नहीं समझ पाता है, जिसके कारण उसकी हार होती रहती है.
शोधकर्ताओं का यह भी कहना था अगर आप डिप्रेशन से प्रभावित हैं तो किसी मनोचिकित्सक की सलाह ज़रूर लें. इसके अलावा रोज़मर्रा के व्यायाम, योगा या लाइफस्टाइल में बदलाव के द्वारा आप डिप्रेशन पर विजय पा सकते हैं.
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