पहली नज़र ने ऐसा घायल कर दिया, तेरा बन बैठा है मेरा जिया” इस गाने के पीछे जो गहराई छुपी है शायद आज तक किसी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया. बहुत से तो पहली नज़र के प्यार को केवल क्षण भर का आकर्षण मानते हैं जो कुछ समय बाद ओझल हो जाता है. लेकिन वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो पहली नज़र के प्यार जो जीने का आधार मान लेते हैं.
लेकिन क्या पहली नज़र का प्यार केवल आकर्षण मात्र होता है? या फिर इसमें इतना दम होता है कि यह 16 सावन देख पाता है? लोगों का कहना कुछ भी हो लेकिन शोधकर्ताओं की नज़र में ‘पहली नजर का प्याहर’ गंभीर प्याछर होता है जिसकी अहमियत को कम करके आंकना सही नहीं होगा. क्योंकि चाहे पहली नज़र का प्यार हो या दसवीं नज़र का प्यार दोनों स्थितियों में दिल और दिमाग पूरी तरह से संलग्न होते हैं.
अमेरिका के शोधकर्ताओं ने प्यार के फंडे को वैज्ञानिक भाषा में बताते हुए एक शोध से पता लगाया कि जब हमें पहली नज़र में कोई भा जाता है तो उस समय हमारा मस्तिष्क रसायन उत्सर्जित करता है जिससे हमारे सोचने की क्रिया प्रभावित होती है जो व्यक्तियों में हर्ष और उल्लास का संचार करती है. यह पूरी क्रिया नशे के सामान होती है जिससे व्यक्ति मदहोश हो जाता है.
सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टेफ़नी ऑर्टीग्यू का कहना है कि भले ही व्यक्ति अपने प्यार का इज़हार कुछ समय बाद करे लेकिन यह पहली नज़र का आकर्षण होता है जो दो व्यक्तियों को एक-दूसरे की तरफ़ खींचता है. इसके अलावा प्रोफेसर स्टेफ़नी ऑर्टीग्यूो का यह भी कहना था कि बहुत से शोधों के बाद भी यह कहना मुश्किल है कि प्यार दिल से होता है या दिमाग से.
इस शोध के बाद शोधकर्ताओं का यह भी कहना था कि प्यार एक वैज्ञानिक क्रिया है जिसमें दिल के साथ-साथ दिमाग भी सम्मिलित होते हैं क्योंकि यह दिमाग ही है जो दिल को प्यार के लिए उत्ते जित करता है.
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