Menu
blogid : 313 postid : 591264

लड़के शर्माते भी हैं!!

ऐसा माना जाता है कि प्रेम के मामले में लड़के लड़कियों से ज्यादा फास्ट होते हैं. वैसे आपने प्रेम कहानियों पर आधारित फिल्मों या फिर किताबों में आपने कई बार ऐसे प्रेमी जोड़ों के बारे में भी देखा या सुना होगा जो महिलाओं से बात करने में शरमाते हैं और वो भी इतना ज्यादा कि ना तो वह खुद महिलाओं से बात करने की शुरुआत करते हैं और अगर कोई महिला उनसे बात करने में दिलचस्पी दिखाती है तो भी उनकी हिचक समाप्त नहीं होती.


वैसे कहानियों की दुनियां से इतर असल जीवन के मद्देनजर भी हम इस बात से भी इंकार नहीं कर सकते कि जब भी कोई पुरुष किसी महिला के साथ होता है या उनसे बात कर रहा होता है तो उसके लिए सामान्य व्यवहार करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. विशेषकर अगर वह उस महिला को पसंद करता है तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि वह उसके साथ वैसा ही बर्ताव करे जैसा वह अपने अन्य दोस्तों के साथ करता है.


अगर आपको यह लगता है कि पुरुषों के विषय में व्याप्त सभी बातें पूरी तरह मिथ्या हैं, उनका कोई आधार नहीं है, तो हाल ही में हुआ एक अध्ययन आपकी सभी भ्रांतियों को दूर सकता है.


नीदरलैंड्स स्थित रैडबाउंड विश्वविद्यालय द्वारा की गई एक स्टडी में यह प्रमाणित हुआ है कि महिलाओं से बात करते समय या उनके आसपास रहने जैसे हालातों में पुरुष मानसिक रूप से कमजोर पड़ जाते हैं.


टॉल्सटॉय के एक प्रसिद्ध उपन्यास एना कैरीना के पुरुष किरदार लीवाई, जो एक महिला से प्रेम तो करता है लेकिन कभी भी उसे अपने दिल की बाद नहीं कह पाता, की तुलना अपनी स्थापनाओं से करते हुए शोधकर्ताओं का कहना है कि जब कोई पुरुष अपनी पसंद की महिला से बात करने जाता है तो वास्तविक दुनियां में भी उसे कुछ ऐसे ही हालातों का सामना करना पड़ता है और यह कोई अपवाद नहीं है.


शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि किसी महिला से वार्तालाप करते समय पुरुषों का हिचकना, खुद से जुड़ी बातें भूल जाना एक सामान्य बात है. यह तब और अधिक बढ़ जाता है जब संबंधित महिला बेहद आकर्षक हो.


इस शोध में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को शामिल कर कुछ प्रयोग किए गए. सबसे पहले पुरुष विद्यार्थियों को वेबकैम के सामने महिला से बात करने को कहा गया, दूसरे छोर पर कुछ स्वयंसेवकों को वेबकैम में मैजूद उनकी वीडियो को देखकर उनकी लिप रीडिंग करने के लिए कहा गया. ऐसा ही प्रयोग महिलाओं पर भी किया गया जब वह किसी पुरुष से बात कर रही थीं.


वेबकैम की फुटेज देखने के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि जब महिलाएं पुरुष से बात करती हैं तो उनके व्यवहार में कोई खास अंतर नहीं आता लेकिन जब पुरुष अपनी पसंद की या फिर आकर्षक महिला से बात करते हैं तो वह खुद को सामान्य नहीं रख पाते.


अगर हम इस अध्ययन को भारतीय युवाओं की मानसिकता के अनुरूप देखें तो शायद कोई भी इस बात को नकार नहीं सकता कि पुरुष जब महिलाओं के समक्ष आते हैं तो उनके व्यवहार में जो बदलाव आता है उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. खुद को बेहतर ढंग से प्रदर्शित करना तो उनकी प्रमुखता रहती ही है लेकिन इस काम में उनकी हिचकिचाहट भी साफ पता चलती है. लेकिन महिलाएं शायद इस मसले में ज्यादा आत्मविश्वासी होती हैं. उन्हें किसी पुरुष से बात करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती. लेकिन हां, यह बात भी सत्य है कि हम कुछ लोगों को केन्द्र में रखकर किए गए अध्ययन को सर्वआयामी रूप से लागू नहीं कर सकते

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh