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[Need of Space in a Relationship] थोड़ी दूरी भी जरूरी है

depressed coupleविकास ने परिवारवालों के विरुद्ध जाकर यह सोचकर प्रेम-विवाह किया था कि किसी अनजान लड़की के साथ पूरा जीवन बिताने से तो अच्छा है उसके साथ विवाह किया जाए जिसे आप अच्छी तरह जानते और समझते हों ताकि संबंधों में औपचारिकता जैसा भाव ना रहे. लेकिन उसका वैवाहिक जीवन काफी चिंताजनक बना हुआ है. जिसका सबसे बड़ा कारण ही उन दोनों के बीच की करीबी है. भावनात्मक तौर पर अत्याधिक नजदीक आने और औपचारिकता ना रहने से उसकी पत्नी उसका उचित सम्मान नहीं करती और बिना उससे पूछे या उसे बताए कहीं भी आती-जाती रहती है. आजकल तो वह परिवार और दोस्तों के सामने भी उसके प्रति सम्मान प्रकट करने में कोताही बरतने लगी है. अपनी पत्नी के इस व्यवहार से वह मानसिक रूप से बहुत परेशान रहने लगा है.



दूसरी तरफ पूजा भी कुछ ऐसे ही हालातों से जूझ रही है. उसने सोचा कि पति-पत्नी के बीच दोस्ती का रिश्ता पारिवारिक संबंधों और उनके वैवाहिक जीवन को मधुर बना देगा. लेकिन जैसा उसने सोचा था वैसा बिल्कुल नहीं हुआ. दोस्ती का रिश्ता बेहद अनौपचारिक होता है और साथ ही दो दोस्तों के आपसी बोलचाल के लहजे में भी अंतर होता है. इसी कारण उसका पति उसे सम्मान देना तो दूर, कभी-कभार तो शिष्ट व्यवहार भी नहीं करता.


जब आपका साथी आपके प्रति अशिष्ट और गलत व्यवहार रखने लगता है, तो स्वाभाविक तौर पर आपको यही लगता है कि अब वह आपसे उतना प्रेम नहीं करता जितना पहले करता था. कहीं ना कहीं उसके ऐसे व्यवहार के लिए आप खुद को ही जिम्मेदार समझने लगते हैं. लेकिन मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि आपके साथी के इस गलत और नकारात्मक बर्ताव का कारण आप दोनों के बीच अत्याधिक नजदीकी का होना है !!


सुनकर आश्चर्य तो जरूर होगा कि पति-पत्नी के बीच करीबी कैसे किसी मतभेद या मनमुटाव का कारण बन सकती है. लेकिन बात एक अध्ययन द्वारा प्रमाणित हो चुकी है कि जिन पति-पत्नी में औपचारिकता समाप्त हो जाती है, वे एक-दूसरे का सम्मान करना भूल जाते हैं. शिष्टाचार जैसे शब्द उनके वैवाहिक जीवन से पूर्णत: विलुप्त हो जाते हैं.


अगर आप भी अपने वैवाहिक जीवन में ऐसी ही किसी परेशानियों से दो-चार हो रहे हैं, अर्थात आपका साथी भी आपके साथ अशिष्टतापूर्ण व्यवहार करता है तो बेहतर होगा निम्नलिखित सुझावों पर गौर करें:


  • भले ही दोस्ती का रिश्ता किसी संबंध को जटिल होने से बचाता है, लेकिन दोस्ती की भी एक सीमा होती है. इस बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि दो हम उम्र लोगों और पति-पत्नी के बीच में जो दोस्ती का रिश्ता होता है वह एक-दूसरे से अलग होता है.
  • पति-पत्नी का रिश्ता एक बेहद नाजुक धागे से बंधा होता है, उस धागे को जोड़कर रखने की जिम्मेदारी किसी एक की नहीं बल्कि दोनों की होती है.
  • दो लोग जब साथ रहते हैं, एक दूसरे को भली प्रकार समझते हैं तो कहीं ना कहीं वे आपसी संबंध की स्थिरता को लेकर संतुष्ट हो जाते हैं और मनचाहा व्यवहार करने लगते हैं. इसके विपरीत होना यह चाहिए कि संबंध में और निखार लाने के लिए आपसी आदर-सम्मान में कहीं भी चूक नहीं आने देनी चाहिए.
  • अपने व्यवहार को संयमित रखने का प्रयत्न करना चाहिए. एक-दूसरे के प्रति अपनी भावनाओं को कमजोर ना पड़ने दें.
  • यह बात ध्यान में रखें कि आपका परिवार और समाज आपके साथी को उचित सम्मान तभी देगा जब आप उनका सम्मान करेंगे.

उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर यह स्पष्ट हो जाता है कि जहां अत्याधिक करीबी और आपसी समझ पति-पत्नी दोनों के बीच कड़वाहट पैदा कर सकती है, वहीं दोनों में थोड़ी सी दूरी और औपचारिकता संबंध को मधुर और स्वस्थ बनाए रखने का काम करती है. इसीलिए अगर आपको अपने रिश्ते में सौहार्द्र और प्रेम बनाए रखना है तो थोड़ी दूरी को रहने दीजिए.


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