पहले हर युवा पुरुष की ख्वाहिश होती थी कि उसकी शादी उस लड़की से हो जो गुणवान हो, सुन्दर हो और दिखने में आकर्षक हो. लेकिन समय बदलने के साथ-साथ इन गुणों के अलावा युवाओं में उस लड़की की ख्वाहिश उजागर होने लगी जो कमाती हो, जिसके पास अच्छी जॉब हो और जो पुरुषों के साथ–साथ घर चला सके. भले ही समय के साथ-साथ युवाओं की चाहत भी बदली है लेकिन इस दौड़ में वह अकेले नहीं हैं. आज महिलाएं भी ऐसे पुरुष की कल्पना करती हैं जो उनसे ज़्यादा पढ़ा लिखा हो, जिसके पास अपना घर हो और उसका बैंक बैलेंस भी अच्छा खासा हो.
अमेरिका में किए गए एक शोध से पता चलता है कि वह पुरुष और महिलाएं जिनकी मासिक कमाई कम हो या फिर वह कम पढ़े-लिखे हों तो उनकी अपने से अच्छे व्यक्ति से शादी की करने की संभावना कम होती है. इसके अलावा इस शोध से यह भी पता चलता है कि लोगों का शादी से पहले की वित्तीय स्थिरता के प्रति रुझान बढ़ रहा है.
एक दूसरे शोध से पता चलता है कि 1970 के दशक की तुलना में मौजूदा समय में शादी का प्रचलन कम हो रहा है. आज के युवक– युवतियों में लिव इन रिलेशनशिप का प्रचलन बढ़ रहा है. यही नहीं विवाहित जोड़ों की संख्या में भी गिरावट आई है.
शादी का गिरता हुआ चलन इस बात की गवाही देता है कि मौजूदा समय में शादी जैसे अटूट बंधन के प्रति लोगों की श्रद्धा कम हुई है. आज रिश्ते-नातों की जगह पैसा मनुष्य के दिमाग पर घर कर गया है. आज मनुष्य चाहता है कि उसके पास इतना पैसा हो कि संसार की सभी सुविधाएं खरीद पाए, उसके पास किसी चीज़ की भी कमी न हो. लेकिन क्या मनुष्य इतना बदल गया है कि वह भूल गया है कि पैसों से वह वस्तुएं तो खरीद सकता है लेकिन रिश्ते और प्यार को वह नहीं खरीद सकता.
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