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सामान्य प्रसव मां और बच्चे की जान को जोखिम में डालता है

pregnant womanआम धारणा के अनुसार यह समझा जाता है कि बच्चे को जन्म देने के लिए सामान्य प्रसव सबसे बेहतर माध्यम है. भले ही इस प्रक्रिया के अंतर्गत माता को कई गुणा अधिक पीड़ा सहन करनी पड़ती हो लेकिन निश्चित तौर पर बच्चे को दुनियां में लाने के लिए सामान्य डिलीवरी को ऑपरेशन की जटिल प्रक्रिया से कहीं ज्यादा सहज और सुरक्षित समझा माना गया है.


अगर आप भी ऐसी ही मानसिकता रखते हैं और सामान्य डिलीवरी को सुरक्षित मानकर चलते हैं तो हाल ही में हुआ एक शोध आपके विचारों को बदल सकता है.


ऑस्ट्रेलिया में हुए इस नए सर्वेक्षण में यह बात प्रमाणित हुई है कि अगर कोई महिला ऑपरेशन के जरिए अपने पहले बच्चे को जन्म देती है तो दूसरे बच्चे की डिलीवरी भी ऑपरेशन से ही होनी चाहिए क्योंकि अगर सामान्य प्रक्रिया अपनाई गई तो इससे मां और बच्चा दोनों ही गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं.


द ऑस्ट्रेलियन समाचार पत्र में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने  14 स्थानीय अस्पतालों में दाखिल 23,00 से अधिक गर्भवती महिलाओं का अध्ययन किया जो अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने वाली थीं, जिनमें आधी महिलाओं ने सामान्य प्रक्रिया के द्वारा अपने बच्चे को जन्म देने का निर्णय लिया और शेष 50 प्रतिशत ने विकल्प के तौर पर ऑपरेशन को चुना.


कौन कहता है प्रेम दिल से होता है….!!!



डॉक्टरों का कहना है कि जिन महिलाओं ने ऑपरेशन को चुना उन्हें बच्चे को जन्म देने में सामान्य डिलीवरी करवाने वाली महिलाओं की अपेक्षा कम समस्याओं का सामना करना पड़ा.


सर्जरी द्वारा बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं में मौत या गंभीर जटिलताओं का स्तर 0.9 प्रतिशत रहा जबकि सामान्य प्रसव के जरिए जन्म देने वाली महिलाओं में यह स्तर 2.4 प्रतिशत देखा गया. इतना ही नहीं सामान्य प्रसव करवा कर बच्चे को जन्म देने वाली सभी महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं, जैसे कि ज्यादा रक्तस्राव का प्रतिशत 2.3 प्रतिशत रहा, जबकि सर्जरी के विकल्प को चुनने वाली महिलाओं में यह प्रतिशत केवल 0.8 प्रतिशत ही रहा.


उपरोक्त अध्ययन को अगर हम भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखें तो भी इसके परिणामों को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. भारतीय गांवों में आज भी घर पर ही प्रसव करवाना बेहतर समझा जाता है. जबकि सरकार द्वारा कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिनके अनुसार गर्भवती महिला को अस्पताल में दाखिल करवाने और बच्चे को भी वहीं जन्म देने जैसे विचारों को जन मानस तक फैलाया जा रहा है. शहरी क्षेत्र में ऑपरेशन के जरिये प्रसव करवाने को उल्लेखनीय तौर पर स्वीकार कर लिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप मां और बच्चे की स्थिति पूरी तरह डॉक्टरों की निगरानी में होती है. अगर चिकित्सकों को ऑपरेशन का विकल्प बेहतर लगता है तो वह उसे चुनते हैं अन्यथा सामान्य प्रसव अपनाया जाता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इसे स्वीकार्यता मिलने में शायद अभी भी थोड़ा समय लगेगा.


भूल कर भी पत्नी की सुंदर सहेली की तारीफ मत करना वरना ……


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