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इन अजीबोगरीब प्राणियों में अगर आप भी हैं तो बड़े खुशनसीब हैं…अगर नहीं हैं तो क्या होगा आपका?

दुनिया के रंग बड़े निराले हैं. हर किसी की इच्छा, चाहतें बड़ी अलग हैं. कोई दिखने में रंग में काला है तो उसे गोरा बनना है, किसी के बाल गोरे (सफेद) हैं तो उसे काले बाल चाहिए, कोई नाटा है तो उसे लंबा होना है, कोई इतना लंबा है कि अपनी लंबाई से ही उसे परेशानी है. मतलब अक्सर वही नहीं होता जो आप चाहते हैं. तब आप सोचते हैं कि काश यही बहुत अच्छा कहलाता तो कितना अच्छा होता!


यहां हम आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जिसे लोग अक्सर खामी मानते हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं लेकिन नए शोध बताते हैं कि ये खामियां नहीं दोस्त, खूबियां हैं जो अगर आपमें हैं तो आपके तो व्यारे न्यारे..आपको लोग सलाह दें इससे पहले आप ही सलाह दे दीजिए उन्हें. तो आइए जानें हमारे बीच रहने वाले कुछ अजीबोगरीब प्राणियों के बारे (ऐसा हम नहीं, ऐसे लोगों के लिए लोगों के हाव-भाव कहते हैं) में जिनमें आप भी हो सकते हैं और अगर हैं तो बुरा नहीं अच्छा है.


बदबू मारने वाले प्राणी

एक विदेशी वेबसाइट के अनुसार बेल्जियम के रिसर्चर्स की रिपोर्ट में यह बात साबित हुई है कि जिनके पैरों या शरीर से नॉर्मल से ज्यादा पसीने वाली बदबू आती है वे साधारण लोगों की तुलना में लोगों को ज्यादा आकर्षित करते हैं. अन्य सामान्य लोगों की तुलना में लोग उनके प्रति सहानुभूति भी ज्यादा रखते हैं.


अकेले रहने वाले प्राणी

2009 में डॉ. डायड्री हॉलिंग्सवर्थ डब्ल्यूएचओ की स्वाइन फ्लू की रोकथाम करने वाली सलाहकार टीम का हिस्सा थे. उनकी नई रिपोर्ट कहती है कि ज्यादा दोस्त बनाने वाले लोग ज्यादा बीमार पड़ते हैं. लोगों से दूर-दूर या अकेले रहने वाले लोग ऐसे लोगों की तुलना में कम बीमार पड़ते हैं क्योंकि ये ज्यादा लोगों के संपर्क में नहीं आते और इस तरह दूसरे लोगों से होने वाले बैक्टीरियल संक्रमण से बचे रहते हैं.


कम हाइट की लड़कियां

क्या आपको पता है कि एक औसत हाइट के बाद हर चार इंच के बाद लड़कियों का कद उनके लिए कैंसर का कारक बन सकता है. हर चार इंच के बाद लड़कियों में मेलेनोमा (ब्लड और बोन कैंसर का एक रूप) की संभावना 16 प्रतिशत बढ़ जाती है.


लेफ्टी या बाएं हाथ से काम करने वाले

दादी-नानियों से शायद कभी सुना होगा कि बाएं हाथ से काम करने वाले बड़े भाग्यशाली होते हैं. अब उनकी कहानी का आधार क्या था ये तो वही जानें लेकिन एक नया रिसर्च बताता है कि बाएं हाथ से काम करने वाले अक्सर बड़े पदों पर काम करते हैं या बड़ा नाम कमाते हैं. अपने सचिन तेंदुलकर को देख लीजिए. ऐसे ही ब्रायन लारा, सर गैरी सोबर्स आदि कितने ही वर्ल्ड रैंकिंग ग्रेट क्रिकेटर्स हुए हैं जो बाएं हाथ से खलते थे. अमेरिका में 1981 से लेकर अब तक जॉर्ज डब्ल्यू बुश को छोड़कर जितने भी राष्ट्रपति हुए सभी बाएं हाथ से काम करने वाले थे.


गंजापन

पुरुषों में गंजेपन के लिए टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का बढ़ा हुआ स्तर जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन एक शोध के अनुसार गंजे पुरुषों में बालों वाले पुरुषों के मुकाबले प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना 29 से 45 प्रतिशत तक कम हो जाती है.


स्मोकर्स

सिगरेट पीने वालों को हर कोई इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर तमाम तरह की नसीहतें देने के लिए तैयार रहता है लेकिन एक विदेशी जर्नल में पब्लिश हुए एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक सिगरेट की कोटिंग डोपामिन रिसेटर्स को एक्टिव कर उसका रिएक्शन बढ़ा देता है इस कारण सिगरेट न पीने वालों की तुलना में इनकी याददाश्त अच्छी होती है.


लंबी नाक होने के भी फायदे हैं

नैन-नक्श देखकर शादियां करना अब पुरानी बात हो चुकी. कहते हैं सूरत से ज्यादा इंसान की सीरत (स्वभाव) महत्व रखती है. आपको बता दें कि अब अगर आपको एक स्वस्थ जीवन जीना है तो नैन-नक्श पर भी ध्यान देना होगा. हालांकि यह भगवान की देन है लेकिन वैज्ञानिकों की एक नई शोध कहती है लंबी नाक वाले छोटी नाक वालों की तुलना में कम बीमार करते हैं क्योंकि इनकी लंबी नाक हवा को ज्यादा अच्छी तरह छानकर शरीर के अंदर भेजती है जबकि छोटी नाक वालों में लंबी नाक वालों की तुलना में ज्यादा बैक़्टीरिया सांस के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं.


कम इनकम, ज्यादा विश्वास

यकीन मानिए अगर आपको एक विश्वसनीय पार्टनर चाहिए तो एक ऐसा पार्टनर चुनिए जिसकी कमाई बहुत कम हो. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के एक नए शोध के मुताबिक जिनकी आय कम होती है वे ज्यादा विश्वसनीय पार्टनर साबित होते हैं.


मोटा होना ज्यादा फायदेमंद

पतले लोगों को देखकर हर मोटा आदमी सोचता है कि काश वह भी पतला होता तो कितना अच्छा होता. मोटे लोगों को डॉक्टर से लेकर दोस्त और हर फैमिली मेंबर मोटापे से होने वाले नुकसान बताकर मोटापा कम करने की ही बात करता है. इस नुकसान के ठीक उलट अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन इन मेरीलैंड के अनुसार दुबले लोगों की तुलना में मोटे लोग ज्यादा जीते हैं.


सफेद बाल

हमारे भारत में सफेद बाल बुढ़ापे की निशानी है. कम उम्र में बाल सफेद होना बीमारी मानी जाती है जबकि एक शोध के अनुसार सफेद बाल वाले काले या भूरे बाल वालों की तुलना में ज्यादा स्वस्थ होते हैं.

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