3 साल की अनास्तासिया कभी भी हंसने लग जाती थी. अचानक दांतों को पीसते हुए बिना किसी कारण जोकर की तरह हंसने जैसी उसकी हरकतें किसी की भी समझ से बाहर थीं. उसकी मां जेनिफर एंडरसन) को अपनी ही बेटी पागल लगने लगी थी. उसके पागलपन के पीछे का कारण शायद किसी को समझ भी नहीं आता और एक दिन पागलपन के कारण ही उसकी मौत भी जाती लेकिन कोई कुछ समझ नहीं पाता.
अनास्तासिया की तरह ही एडवांस मेडिकल साइंसेस, बोलीविया के डॉ. जोस लाइडर्स बर्गस जुलेटा की 6 साल की पेशेंट भी अपनी हंसी के कारण मारी जाती. 6 साल की इस बच्ची को डॉक्टरों ने बदमीज और पागल घोषित कर दिया था. मनोचिकित्सकों ने उसे दिमागी तौर पर बीमार बता दिया था लेकिन वक्त रहते डॉ. लोस ने इसकी बीमारी समझ ली. उसका ब्रेन स्कैन कराया गया और पता चला कि उसके दिमाग में हमारटोमा (एक छोटा बैनाइन ट्यूमर) बढ़ रहा था जो उसके बेवजह हंसने, बेतुकी और बेवजह की हरकतें करने के पीछे का कारण था. डॉ. जोस ने बच्ची का ऑपरेशन किया और आज वह नॉर्मल लाइफ जी रही है.
Read More: कमसिन लड़कियों की टोली ने अपने पैर किराए पर दे दिए, लेकिन कैसे, यह और भी मजेदार है
लोग भूतों से डरते हैं, जानवर से डरते हैं, क्रिमिनल्स से डरते हैं लेकिन जिन लोगों की कहानियां आपने ऊपर पढ़ीं वे बच्चे और उनका परिवार उनकी हंसी से ही डरते थे. डॉक्टर कहते हैं कि हंसना हर किसी को स्वस्थ और डॉक्टरों से दूर रखता है लेकिन जिन केसेस को आपने पढ़ा उनमें उनकी हंसी ही बीमारी थी. और तो और, यह कोई सामान्य नहीं बल्कि जानलेवा बीमारी थी. पर हंसना कोई बीमारी कैसे हो सकता है और उसपर भी जानलेवा? चौंकाने वाला सही लेकिन पूरी तरह सच है यह!
गैलेस्टिक एपिलेप्सी 4 से 10 साल के बच्चों में होने वाली एक बीमारी है. गैलेस्टिक ग्रीक शब्द ‘गेलोस’ से बना है जिसका अर्थ होता है ‘हंसना’. यह मिरगी का एक दुर्लभ प्रकार है जिसमें दौरा पड़ने पर बच्चे बिना किसी कारण हंसते हैं या रोते हैं या एक ही समय पर हंसते और रोते भी हैं. इसके होने का कोई कारण अब तक पता नहीं चला है, पर हैरानी और डराने वाली एक और बात जो इससे जुड़ी है वह यह कि अपने आप में घातक बीमारी गैलेस्टिक एपिलेप्सी, बच्चे में पल रही एक और भयानक बीमारी की निशानी भी होती है जो और भी खतरनाक होती है. कई मामलों में इसका इलाज संभव है लेकिन क्योंकि यह दुर्लभ है इसलिए कई बार डॉक्टर इसका पता ही नहीं लगा पाते और अगर पता लग भी जाए तो गिने-चुने देशों या शहरों में ही इसके इलाज की सुविधा उपलब्ध है. यह कितना दुर्लभ है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरी दुनिया में हर साल मात्र 30 ऐसे केसेस सामने आते हैं. एपिलेप्सी से ग्रसित 1000 बच्चों में मात्र एक को यह बीमारी हो सकती है. अभी तक के आंकड़े यह भी बताते हैं कि लड़कियों के मुकाबले लड़कों में यह बीमारी ज्यादा पाई जाती है. नीचे वीडियो में जो बच्चा है वह एजरील डंकन है. यह गैलेस्टिक सीजर का ऐसा केस था जिसमें एक साथ हंसना और रोना दोनों ही डिसॉर्डर थे.
Read More: 7 साल के बच्चे ने मरने से पहले 25000 पेंटिंग बनाई, विश्वास करेंगे आप?
ब्रेन ट्यूमर की निशानी
एपिलेप्सी अपने आप में एक अभिशाप से कम नहीं लेकिन गैलेस्टिक एपिलेप्सी उससे भी भयानक स्थिति है. यह ब्रेन ट्यूमर की एक निशानी है. ज्यादातर मामलों में दिमाग के हाइपोथैलमस भाग में यह ट्यूमर पनपता है. इसी हाइपोथैलमस में ट्यूमर बनने के कारण बच्चे में गैलेस्टिक एपिलेप्सी के लक्षण दिखते हैं. दिमाग में हमारटोमा (एक छोटा बैनाइन ट्यूमर) के बढ़ जाने पर कई बार यह पिट्यूटरी ग्लैंड को भी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में यह बच्चे के मानसिक विकास को रोक सकता है जिसकी वजह से बच्चा एबनॉर्मल भी हो सकता है. साधारण डॉक्टर इसे बच्चों की व्यावहारिकता से जोड़कर देखते हैं और इसे पागलपन करार दे देते हैं. धीरे-धीरे ट्यूमर बढ़कर बच्चे की मौत का कारण बन जाता है.
इलाज
बच्चों की कोई भी बीमारी यूं भी बड़ों से ज्यादा कॉंप्लेक्स होती हैं लेकिन जब बात आती है खतरनाक गैलेस्टिक एपिलेप्सी के इलाज की तो इसमें भी एक बड़ा खतरा होता है. कई मामलों में डॉक्टर एपिलेप्सी की दवाइयां आदि भी देते हैं लेकिन इससे ठीक होने की संभावना शायद ही होती है. सर्जरी से ट्यूमर निकालना ही इसका इलाज है लेकिन यह सर्जरी दुनिया के कुछ खास डॉक्टर ही कर सकते हैं और जान के लिए फिर भी यह बहुत बड़ा खतरा होता है. हालांकि पिछले 10 सालों में मेडिकल साइंस ने सर्जरी की एडवांस तकनीक इजाद की है और कम रिस्क पर इस ट्यूमर को निकाल पाने के सफल ऑपरेशन भी हुए हैं.
Read More:
जानिए कैसे मिर्गी के दौरे ने बना दिया आम इंसान को महान गणितज्ञ
पांच वर्ष की उम्र में मां बनने वाली लीना की रहस्यमय दास्तां
एक नवजात बच्चे को खाने की प्लेट में परोसा गया, जानिए एक हैरान करने वाली हकीकत
Read Comments