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तो यह है महिलाओं का सीक्रेट पैशन !!

एक समय था जब महिलाओं को घर की चारदीवारी के भीतर ही रखा जाता था. उनका काम केवल परिवार की देखभाल और उनकी हर जरूरत को पूरा करने तक ही सीमित था, वहीं घर को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए पुरुष बाहर जाकर कार्य किया करते थे. लेकिन अब ऐसे हालात पूरी तरह परिवर्तित होकर महिलाओं और पुरुषों की बराबरी पर आकर ठहर गए हैं. जिनके अंतर्गत आज महिलाएं भी पुरुषों की ही तरह घर और परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवा रही है और साथ ही घर के प्रति अपनी जिम्मेदारियां भी सहजता और तन्मयता के साथ पूरी कर रही है. आत्मनिर्भर और महत्वाकांक्षाओं  की धनी आज की महिलाएं घर के प्रति कितनी संवेदनशील हैं यह बात हाल ही में संपन्न एक अध्ययन द्वारा प्रमाणित की गई है.


लंदन में हुए इस अध्ययन के अनुसार हरतीन में से महिला घर के काम करने और बच्चों को संभालने में राहत महसूस करती हैं इसके अलावा उन्हें यह काम करने से बेहद संतुष्टि भी मिलती है. इतना ही नहीं महिलाओं का तो यह भी कहना है कि उनके लिए घर की साफ सफाई करना किसी उपलब्धि से कम नहीं है.


वहीं दूसरी ओर घर के कामों को पसंद करने वाली दस में चार महिलाओं ने यह भी स्वीकार किया है कि यह उनका सीक्रेट पैशन है जिसके बारेमें वह अपने साथी को भी नहीं बताना चाहती. इसके पीछे कारण यह है कि कहीं उनका साथी उन्हें घर के कामों में उलझा ही ना दें.


जोफ्लारा डिसइन्फेक्टेंट द्वारा चलाया गया यह शोध लंदन में रहने वाली 2,000 महिलाओं और परिवार से जुड़ी उनकी व्यक्तिगत इच्छाओं पर आधारित था.


डेली मेल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार शोध से जुड़े डॉ. जेन मैक कार्टनी का कहना है कि महिलाएं घर की साफ-सफाई करना पसंद नहीं करतीं, यह धारणा पूरी तरह गलत है, क्योंकि वह तो यह काम कर खुद को अत्याधिक संतुष्ट महसूस करती हैं. इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि महिलाओं को किसी दूसरे की हाथ की सफाई पसंद नहीं आती और वह अपने अनुसार अपने घर को साफ और खुशबूदार रखना चाहती हैं.


लेकिन उल्लेखनीय बात यह है कि भले ही महिलाओं को साफ-सफाई करना पसंद है लेकिन घर के कुछ काम ऐसे हैं जैसे बाथरूम साफ करना या कपड़े इस्त्री करना, महिलाओं को किसी भी रूप में नहीं सुहाते. शोधकर्ताओं का तो यह भी कहना है कि जिन घरेलू कामों में ज्यादा मेहनत और समय लगता है, महिलाएं उन्हें अपने जीवनसाथी से करने के लिए कहती हैं.


सर्वेक्षण के अनुसार यह सामने आया है कि भले ही परिवार को अच्छा खाना या साफ-सुथरे कपड़े मिले ना मिले लेकिन घर उन्हें पूरी तरह स्वच्छ और महकता हुआ ही चाहिए. यही वजह है कि वह हर समय घर की सफाई के बारे में ही सोचती रहती हैं. वहीं यह बात भी प्रमाणित की गई है कि औसतन प्रत्येक महिला एक सप्ताह में चार घंटे सफाई को समर्पित करती हैं. शोध की स्थापनाओं पर गौर करें तो एक हैरान कर देने वाली बात यह भी सामने आई है कि सफाई के प्रति महिलाएं इतनी ज्यादा सचेत रहती हैं कि हर 10 में से एक महिला खुद को संतुष्टि देने के लिए दूसरे के घर को साफ रखने में अपनी भागीदारी निभाती हैं.


उपरोक्त अध्ययन को अगर हम भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखें तो निश्चित ही हम यह बात महसूस करेंगे कि भले ही घर की साफ-सफाई रखना विदेशी महिलाओं का शौक है लेकिन भारतीय महिलाओं के लिए यह एक जिम्मेदारी और महत्वपूर्ण काम होता है. आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के बावजूद भारतीय महिलाओं का अपने घर और परिवार के प्रति दायित्व कम नहीं हुआ. वैसे भी भारतीय महिलाओं को अपेक्षाकृत अधिक समर्पित और सहनशील माना गया है तो उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह तो करना ही होगा.


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