“अब बस भी करो…..और कितना सामान लेना है? मैं और सामान नहीं उठा सकता. तुम क्यूं मेरी सारी कमाई इसमें लगाती हो?” अकसर यह बोल हम एक पति के मुंह से तब सुनते हैं जब उसकी पत्नी धड़ाधड़ शॉपिंग करती है.
घर चलाने के लिए, खाना बनाने के लिए, कपड़े पहनने के लिए जब आप बाजार में जाते हैं तो हम उसे आमतौर पर खरीददारी करना कहते हैं लेकिन लड़कियों के बीच यह ‘शॉपिंग’ के नाम से प्रसिद्ध है. अब यूं कहें कि यह एक ऐसा भूत है जो उतारे नहीं उतरता है.
जरूरत हो या ना हो, इन्हें तो शॉपिंग करनी ही है. औरतों को शॉपिंग का बुखार कब और कैसे चढ़ता है इसका जवाब तो कोई नहीं दे पाया है लेकिन यहां हमने कुछ चीजों को समझने की कोशिश की है और बताया है कि क्यूं ‘लड़कियां शॉपिंग के लिए’ व ‘शॉपिंग लड़कियों के लिए’ ही बनी है.
क्योंकि ये हैं खास
सजना-संवरना तो हर लड़की को पसंद है लेकिन इसके लिए ये लोग कढ़ी मेहनत करती हैं जिसमें से एक पड़ाव है ढेर सारी शॉपिंग. मेकअप, कपड़े, जूते, और भी कितना कुछ. खुद को भीड़ के बीच सबसे सुंदर बनाने की लत भी लड़कियों से खूब शॉपिंग कराती है.
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अब मूड जैसा भी हो शॉपिंग करनी है
शॉपिंग लड़कियों के सभी दुखों व तकलीफों का इलाज है. अब मूड जैसा भी हो, दुखी हों, खुश हों या बीमार ही क्यों ना हों, शॉपिंग के लिए लड़कियां हरदम फिट हैं.
इतनी शॉपिंग की पर…
अब यह तो हद ही हो गई. लड़कियां जब भी अपनी अलमारी खोलती हैं तो कपड़े ऐसे गिरते हैं जैसे कोई भूचाल आ गया हो लेकिन फिर भी एक ही बात बोलेगी, ‘आज क्या पहनूं, कुछ अच्छा नहीं है मेरे पास, लगता है शॉपिंग करनी पड़ेगी’.
देश की नहीं लेकिन शॉपिंग की सारी खबर हो
लड़कियों को भले ही अपने देश के प्रधानमंत्री का नाम तक पता ना हो लेकिन आने वाले दिनों में किस ‘मॉल’ या शॉपिंग सेंटर में ‘सेल’ लगने वाली है इस बात की पूरी खबर होती है. सिर्फ इतना ही नहीं ये खबर वो धीरे-धीरे सभी लड़कियों तक एक रिपोर्टर की तरह पहुंचा देती हैं. है ना लाजवाब?
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शॉपिंग तो बहाना है
त्यौहार हो या किसी की शादी, यह तो बस एक बहाना है, सीधा मुद्दा तो यह है कि अब शॉपिंग करने का समय है. अब आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यदि एक महीने में 2 से 3 शादियों का निमंत्रण आ जाए तो सबसे ज्यादा तकलीफ लड़कियों को ही होती है क्योंकि वे किसी भी समारोह पर पहले से पहनी हुई ड्रेस को दोहरा नहीं सकती ना. सुनने में हास्यास्पद लगता है लेकिन ये सच है.
एक ये भी कारण है
जो कपड़े कुछ समय पहले खरीदे थे वे पुराने हो गए अब नए लेने है और वो क्यूं, क्योंकि नए कपड़े पहनकर जब बाहर निकलेंगे तो लोग देखेंगे, तारीफ करेंगे और तारीफ सुनना तो एक औरत का हक़ है.
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