“मियां चिंटू बड़े शरारती
मोबाइल उनका जीवन साथी,
फ्री मेसेज का री-चार्ज कराते,
फिर सब को खूब सताते
यहां बात सिर्फ चिंटू भाई की नहीं हो रही है बल्कि उन सभी किशोर और किशोरियों की बात हो रही है जो मोबाइल का भरपूर इस्तेमाल मैसेजिंग के लिए करते हैं. आज वोडाफ़ोन, एयरटेल, रिलायंस आदि सभी मोबाइल ऑपरेटर एक से बढकर एक मैसेजिंग स्कीम चला रहे हैं जिनका युवा पीढ़ी में और वह भी टीनएजर्स में खासा क्रेज़ है. लेकिन क्या आपको पता है कि अधिकता में मैसेज करना भी चिंता का विषय है.
अमेरिका के वेस्टर्न रिजर्व विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के द्वारा कराए गए एक शोध से यह पता चलता है कि एक दिन में 120 बार मैसेज करने वाले टींस सेक्स संबंधी गतिविधियों में संलग्न होते हैं. दिन भर में उनके द्वारा किए गए आधे मैसेज सेक्स संबंधी होते हैं जबकि दूसरे मैसेजों में भी अल्कोहल और ड्रग्स संबंधी विषयों की अधिकता होती है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि आजकल युवाओं में मोबाइल और सोशल नेटवर्किंग साइट का क्रेज़ बहुत है. माता–पिता भी चाहते हैं कि तकनीकी युग में उनका बच्चा पीछे न रह जाए, अतः वह अपने बच्चों को मोबाइल और इंटरनेट से अवगत कराते हैं. लेकिन इन तकनीकों का फ़ायदा उठाने की जगह वह अश्लील कृत्यों में संलग्न हो जाते हैं.
अतः ऐसी स्थिति में ज़रुरी है कि माता पिता अपने बच्चों के व्यवहार पर भी निगरानी रखें.
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने हाई स्कूल के 4200 छात्रों को शामिल किया. शोध के आंकड़ों से यह पता चला कि
• 5 में 1 छात्र को मैसेजिंग की लत थी.
• 10 में से एक छात्र को नेटवर्किंग की लत थी.
• आमतौर पर युवा मैसेजिंग और नेटवर्किंग में प्रतिदिन 3 से 4 घंटे बर्बाद करते हैं.
• मैसेजिंग की लत सबसे ज्यादा लड़कियों में और नेटवर्किंग की लत लड़कों में पाई गई.
• ज्यादा मैसेज करने वाले छात्र सेक्स संबंधी गतिविधियों में संलग्न पाए गए.
• वहीं ज्यादा सोशल नेटवर्किंग साइट का प्रयोग करने वाले छात्र फाइटिंग, ड्रिकिंग और ड्रग्स संबंधी गतिविधियों में पाए गए.
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