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सफलता सिखाती है दूसरों की मदद करना !!

helpful colleagueअगर आपके द्वारा की गई मेहनत और कठोर परिश्रम के फलस्वरूप अपेक्षित सफलता प्राप्त हो जाती है तो निश्चित तौर पर इससे अच्छी बात कोई नहीं हो सकती. प्रतिस्पर्धा प्रधान इस युग में जब एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए व्यक्ति किसी भी प्रकार के जोखिम को उठाने से नहीं हिचकता, अपने प्रतिद्वंदियों को हरा आगे निकलने की हर संभव कोशिश करता है, तो संभवत: उसकी कामयाबी के मायने और अधिक बढ़ जाते हैं.


अगर आप ऐसा सोचते हैं कि कामयाब व्यक्ति हर झंझट से मुक्त हो जाता है और उसे नाम के साथ दौलत-शोहरत सब कुछ मिल जाता है तो आपको एक बार दोबारा सोचने की जरूरत है. क्योंकि कामयाबी सिर्फ गर्व और खुशियों को ही अपने साथ नहीं लाती, बल्कि चिंता और डर जैसी भावनाओं को भी लाती है. होता ये है कि जिन प्रतिद्वंदियों को मात दे आप इस मुकाम पर पहुंचे हैं, वह आपकी कामयाबी से जलने लग जाते हैं और आपकी खामियों और गलतियों को सबके सामने लाने और आपको अपमानित करने का एक मौका भी नहीं गंवाते. परिणामस्वरूप आप अनमने रूप से अपने प्रतिद्वंदियों को खुश रखने और उनके साथ संबंध सुधारने की कोशिश करने लगते हैं.


हाल ही में हुए एक शोध पर नजर डालें तो यह प्रमाणित हो जाता है कि ऊंचे ओहदे पर पहुंचने और सफलता प्राप्त करने के बाद व्यक्ति दूसरों के प्रति मददगार की भूमिका निभाने लगता है. इसीलिए नहीं कि वह उनकी सहायता करना चाहता है बल्कि इसीलिए ताकि उसके अधीन काम करने वाले और उसके साथ काम करने वाले सभी लोग उससे खुश रहें और उसके प्रति इर्ष्या और द्वेष जैसी भावनाओं को अपने भीतर ना पनपने दें.


शोध की स्थापनाओं पर ध्यान दें तो ऑफिस में आपकी सफलता से जलने वाले लोग भी दो तरह के होते हैं. एक तो वो जो आपकी सफलता से प्रेरणा ले अपने प्रदर्शन में सुधार करें और दूसरे वो जो जलन की सारी हदें पार करते हुए सफलतम व्यक्ति के कॅरियर पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दें. शोध में शामिल अधिकांश व्यक्तियों ने माना कि अगर उन्हें दोनों में से किसी एक चुनना हो तो वह पहले वाले लोगों के साथ काम करने में अधिक सहज महसूस करेंगे.


लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि अगर आप दोनों में से किसी भी प्रकार के लोगों के जलन और ईर्ष्या के पात्र बनते हैं, तो निःसंदेह ऐसी परिस्थितियां कार्यस्थल पर आपकी साख और आपके व्यक्तिगत प्रदर्शन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं.


सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि ऐसा व्यक्ति जो अपने सहकर्मियों की कोपदृष्टि का शिकार बन जाता है, वह अपने कार्यस्थल पर और अधिक निर्मल और कुशल व्यवहार करने लगता है ताकि सब उससे प्रसन्न रहें.


यह अनोखा शोध भले ही थोड़ा हैरान करने वाला है लेकिन यह आपकी व्यक्तिगत जीवनशैली और स्वभाव को सकारात्मक रूप देने में भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है. माना कि आपकी सफलता आपके प्रति लोगों की जलन का कारण बन सकती है, लेकिन कहीं ना कहीं यह जलन आपके सामाजिक विकास में बहुत अधिक सहायक सिद्ध होती है. क्योंकि सफल होने के बाद भी आप अहम को खुद पर हावी नहीं होने देते और इसके विपरीत दूसरों के प्रति सहायक की ही भूमिका निभाते हैं.


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