एक समय था जब कमरे के बीच में स्थायी रूप से एक फोन पड़ा रहता था. घर के सभी सदस्य उसी फोन का उपयोग करते थे. फोन की तार ज्यादा लंबी नहीं होती इसीलिए वहीं खड़े-खड़े बात करनी पड़ती थी. ऐसे में शायद ही कोई व्यक्ति अपनी निजी बातों को फोन पर बांट पाता था. फिर परिवारों में कॉर्डलेस का चलन प्रारंभ हुआ. यह बिना तार के होते थे जिसे घर के किसी भी कमरे में ले जाया जा सकता था. लेकिन फिर भी व्यक्तिगत बातों के लिए यह इतने ज्यादा विश्वसनीय नहीं माने जाते थे. लेकिन मोबाइल फोन जैसे अत्याधुनिक संयत्रों ने सभी परेशानियों का हल ढूंढ निकाला है. आज सभी के हाथों में मोबाइल फोन देखे जा सकते हैं. बिना किसी तकल्लुफ और समस्या के आप इनका प्रयोग घर क्या दुनियां के किसी भी कोने में कर सकते हैं. मोबाइल पर व्यक्तिगत बातें करना अब कोई मुश्किल काम नहीं रह गया. आप जिसे चाहे और जब चाहे फोन घुमा कर अपने दिल की सारी बातें कह सकते हैं. फिर चाहे किसी की बुराई करनी हो या अपने प्रेमी-प्रेमिका से बात सब कुछ चुटकियों में संभव हो सकता है.
मोबाइल के फायदे यहीं समाप्त नहीं होते. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब आप अपने परिचितों की पल-पल की सूचना ले सकते हैं. वह इस समय कहां हैं, क्या कर रहे हैं आदि जानकारी आप कभी भी ले सकते हैं.
वैसे तो आपने कई बार सुना होगा कि मोबाइल का ज्यादा प्रयोग करना आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है लेकिन कभी आपने इस ओर ध्यान दिया है कि मोबाइल पर ज्यादा बातें करना आपके वैवाहिक संबंध को भी खतरे में डाल सकता है.
भारत के पंजाब राज्य से जुड़ी यह खबर आपको थोड़ा हैरान कर सकती है कि वे महिलाएं जो विवाह के बाद अपने अभिभावकों से फोन पर ज्यादा बातें करती हैं उनका वैवाहिक जीवन तनाव ग्रस्त बन जाता है. बात इतनी बिगड़ जाती है कि तलाक की नौबत तक आ जाती है.
पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष गुरदेव कौर का कहना है कि उनके पास 90% मामले ऐसे हैं जिसमें पति अपनी पत्नी के फोन पर ज्यादा बात करने की आदत से परेशान होकर उसे तलाक देना चाहता है. पति और ससुराल वालों को यह शक हो जाता है कि उनकी नई-नवेली बहू फोन पर अपने प्रेमी से बात करती है इसीलिए वह उसे अपने परिवार से निकालना चाहते हैं.
हैरान करने वाली बात तो यह है कि ज्यादातर महिलाएं विवाह के पश्चात पूर्णत: अपने पति और परिवार के प्रति समर्पित हो जाती हैं और किसी अन्य व्यक्ति के लिए सोचना भी नहीं चाहतीं. वह तो फोन पर अपने माता-पिता या अन्य परिवार जनों से ससुराल के अनुभव बांटती हैं. निश्चित रूप से अब वो यह बातें सास-ससुर या पति के सामने नहीं कर सकतीं, इसीलिए वह अपनी बात करने के लिए एकांत तलाशती हैं. लेकिन ससुराल पक्ष को लगता है कि वह अपने प्रेमी से बात कर रही हैं.
पंजाब की महिलाओं के लिए यह समस्या इतनी बढ़ चुकी है कि आयोग ने अब इससे संबंधित एक एडवाइजरी भी जारी कर दी है. इस एडवाइजरी में महिलाओं को यह सलाह दी गई है कि विवाह के शुरूआती साल बहुत अहम होते हैं. इसमें अगर पति-पत्नी के बीच तनाव पैदा होता है तो उसे समाप्त करना कठिन बन जाता है. इसीलिए अगर एक सफल जीवन चाहती हैं तो मोबाइल पर ज्यादा बात करना छोड़ दें.
निश्चित तौर पर यह रिपोर्ट कुछ लोगों को अटपटी लग सकती है. लेकिन पंजाब राज्य की महिलाओं के लिए मोबाइल पर बात करना अब सहज नहीं रह गया है.
उल्लेखनीय है कि यह रिपोर्ट सिर्फ मोबाइल के दुष्प्रभाव का ही बखान नहीं करता बल्कि विवाह के पश्चात महिलाओं के जीवन पर लगने वाली बंदिशों को भी दर्शाता है.
आमतौर पर देखा जाता है कि विवाह के पश्चात महिलाओं के जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं. सबसे पहले तो उन्हें अपने माता-पिता के संरक्षण से दूर एक ऐसे घर में जाना होता है जहां उसे अपने भविष्य और वर्तमान का ख्याल स्वयं रखना पड़ता है. लेकिन इस रिपोर्ट के बाद यह बात भी प्रमाणित हो गई है कि विवाह के पश्चात ससुराल पक्ष महिलाओं की मूलभूत स्वतंत्रता को भी छीनने का पूरा-पूरा प्रयास करते हैं. शायद ही कोई अभिभावक इस ओर ध्यान देते होंगे कि उनका बेटा कहां जा रहा है, किससे मिल रहा है आदि लेकिन अपनी बहू की हर छोटी-छोटी गतिविधियों पर वह पूरी निगरानी रखते हैं.
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