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अगर फेसबुक पर आप भी कर रहे हैं ऐसा, तो चल सकता है कानून का डंडा

सोचिए, आपके दोस्त का जन्मदिन है और आपने उसे सरप्राइज देने के लिए उसकी फोटो को क्रोप करके किसी मशहूर एक्ट्रेस के साथ लगाकर फेसबुक पर शेयर कर दी. इससे आपका दोस्त जरूर खुश हो जाएंगा. लेकिन अनजाने में आपका ये छोटा-सा मजाक साइबर क्राइम के दायरे में आ गया है जिसके लिए आपको सजा भी हो सकती है. अभी हाल ही में केरल पुलिस ने अनवर नाम के एक ऐसे शख्स को हिरासत में लिया है जिसने पठानकोट आंतकी हमले में शहीद हुए जवानों पर शर्मनाक पोस्ट किया था. फेसबुक पर अनवर सादिक नाम से किए गए एक पोस्ट पर आपत्तिजनक भाषा में कमेंट किया गया था कि ‘शहीद की पत्नी को नौकरी और वित्तीय सहायता मिल ही जाती है लेकिन आम आदमी को क्या मिलता है? क्या घिनौना लोकतंत्र है ये?’



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अनवर की इस टिप्पणी पर अधिकतर यूजर्स ने जमकर आलोचना की थी. जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने आईपीसी 124A के तहत मामला दर्ज करते हुए अनवर को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. हांलाकि कुछ लोग फेसबुक या दूसरी नेटवर्किग साइट पर कुछ भी शेयर करने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़कर देखते हैं. लेकिन किसी की भावनाओं को आहत करने वाले पोस्ट को नकरात्मक स्वतंत्रता ही माना जाएगा. इसलिए सोशल नेटवर्किग साइट्स पर कुछ भी शेयर करने से पहले साइबर क्राइम के दायरों में आने वाली बातों के बारे में जानना जरूरी है. बेशक से आईटी एक्ट को हटे हुए एक अरसा गुजर गया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपको सोशल नेटवर्किग साइट्स पर कुछ भी शेयर करने की छूट मिल गई है. आइए हम आपको बताते हैं सोशल साइट्स पर कौन-सी चीजें आपको मुश्किल में डाल सकती हैं.


आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल

कोई शख्स सोशल साइट या नेट के जरिये किसी के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करता है, अश्लीलता फैलाता है, अश्लील भाषा का इस्तेमाल करता है, गालियां देता है या ऐसी बातें करता है जिससे किसी को पीड़ा पहुंची हो, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 294 लगाई जा सकती है.

सजा : ऐसे मामले में अपराध साबित होने पर 3 महीने तक सजा हो सकती है.


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खतरे की आहट को समझिए, कभी न करें अपने फेसबुक पर ऐसी चीजें पोस्ट

धार्मिक भावनाएं भड़काना

अगर कोई शख्स जानबूझकर किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाता है, किसी धर्म के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखता है या धार्मिक चिह्नों का अपमान करता है, तो ऐसे मामले में आईपीसी की धारा 295ए के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है.

सजा : दोषी पाए जाने पर 3 साल कैद का प्रावधान है.


किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाना

अगर कॉन्टेंट में किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ मानहानि से संबंधित बातें हों, यानी किसी शख्स को कोई गाली दे या ऐसी बात करे, जिससे उसके मान-सम्मान को ठेस पहुंची हो, तो आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज की जा सकती है.

सजा : मामला साबित होने पर 2 साल की कैद हो सकती है.


देश के खिलाफ लिखना

अगर किसी कॉन्टेंट में देश के खिलाफ बात हो, देश की एकता और अखंडता को चोट पहुंचाई गई हो, देशद्रोह की बात हो या देश की संप्रभुता को चुनौती देने वाली बातें लिखी गई हों, तो आईपीसी की धारा 124 ए के तहत मुकदमा दायर हो सकता है.

सजा : इस मामले में उम्र कैद तक का प्रावधान है.



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किसी संप्रदाय के खिलाफ लिखना

अगर किसी इलाके विशेष या संप्रदाय विशेष के लोगों के खिलाफ द्वेष से भरी बातें लिखी गई हों, यानी किसी इलाके विशेष के लोगों पर रंग और जात-पात के नाम पर ताना दिया जाए, तो आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मुकदमा हो सकता है.

सजा : इसमें 3 साल की सजा का प्रावधान है.


अफवाहें फैलाना

ऐसा कॉन्टेंट लिखना, जिसमें जानबूझकर अफवाह फैलाकर भावनाएं भड़काने की कोशिश की गई हो, आईपीसी की धारा 505 के तहत अपराध है.

सजा : इसमें 3 साल की कैद हो सकती है.


जान से मारने की धमकी

ऐसा कॉन्टेंट, जिसमें किसी को जान से मारने की धमकी दी जा रही हो, उसे पोस्ट करने वाले पर आईपीसी की धारा 506 के तहत केस दर्ज हो सकता है.

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