सफर में शराब का साथ जोखिम भरा होता है. जोखिम पकड़े जाने और जुर्माने के भुगतान का. यह जोखिम कुछ लोग तो उठाने को तैयार रहते हैं, लेकिन शराब पीने वाले कई लोग मन मार कर सफर पूरा करते हैं. ऐसे में नीचे दिये जा रहे कुछ नाम आपके तन-मन में वही नशा पैदा करने में सक्षम हैं जिसका अनुभव शराब पीकर होता है.
चूवरक
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में यात्रा के दौरान अगर आपको शराब की कमी खटकती है तो एक बार चूवरक इस्तेमाल करें. यह त्रिपुरा की स्थानीय शराब है जो चावन और अनानस के मिश्रण से बनती है. चूवरक पूर्वोत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में पसंद की जाती है.
फेनी
मदमस्त माहौल के लिए मशहूर गोवा फेनी के लिए भी जानी जाती है. फेनी काजू से बनी होती है. काजू से बियर बनाने की पुर्तगाली परम्परा पुरानी है.
केसर कस्तूरी
कभी राजस्थान के राजघरानों की पसंद रही यह शराब 26 जड़ी-बूटियों से मिलाकर बनायी जाती है. पहले इसका दायरा शाही परिवारों तक सीमित रहा जो अब बढ़कर स्थानीय बाजारों की दुकानों में पहुँच चुकी है.
ताड़ी
ताड़ी माने नाम ही काफी! बिहार और आंध्र प्रदेश में ताड़ वृक्षों के फल से बनी ताड़ी का नशा लोगों को मस्त कर देता है.
छांग
सफर पहाड़ियों के रास्ते ऊँचाईयों को नापते हुए लद्दाख का हो तो छांग की जानकारी जरूरी-सी लगती है. इस रास्ते में छांग मन को नशीला-नशीला कर देता है.
जुठो
विभिन्न शराबों में जुठो अन्य से भिन्न है. गीले चावलों से बनायी गयी जुठो नागालैंड में आसानी से मिल जाती. है. इसे बनाने का तरीका वहाँ के स्थानीय बेहतर जानते हैं.
महुआ
महाराष्ट्र में पायी जाने वाली यह शराब महुआ के फूलों से बनायी जाती है.Next….
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