‘वक्त के पास जादू की छड़ी है’
‘वक्त महान होता है यह तो हमें बचपन से ही सिखाया गया है पर वक्त हमारी तन्हाई में हमारा साथ दे सकता है शायद यह नहीं पता था’. किसी ने सच ही कहा है कि ‘हर चोट का मरहम वक्त है’. आपको याद होगा जब कभी आपको बचपन में चोट लगी होगी और आपकी मां ने बड़े प्यार से कहा होगा कि ‘बेटा वक्त आने पर चोट अपने आप ठीक हो जाएगी’. सोचिए जरा हम क्या आज वक्त की अहमियत समझते हैं या अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में हमें वक्त की कमी महसूस होती है. आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में सब के पास वक्त की कमी है, जिससे हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है.
वैज्ञानिकों ने अब इसका हल सुझाया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अपने कीमती समय में से कुछ वक्त औरों को दें, ताकि आपको वक्त की कमी ना हो. अमेरिका के ‘पेनसिल्वानिया यूनिवर्सिटी’ के ‘वार्टन स्कूल’ की एक टीम ने पाया कि जो लोग अपना समय दूसरों के लिए निकालते हैं, उन्हें महसूस होता है कि उनके पास वक्त की कमी नहीं और यह एहसास उन्हें और प्रभावी बनाता है.
अध्ययन दल के सदस्य ‘कैसी मोगिल्नर’ के अनुसार आप जब वक्त की कमी महसूस कर रहे हों ऐसे में अपना कीमती वक्त औरों को देना अजीब-सा लग सकता है, लेकिन हमारा अनुसंधान बताता है कि दूसरों के काम आया थोड़ा-सा समय भी लोगों को प्रभावी महसूस करा सकता है और उन्हें यह लगता है कि कम समय में भी वे काफी कुछ कर सकते हैं.
दूसरो को वक्त का तोहफा देना
आज तक हम लोगों ने दूसरों को तोहफे में हजारों उपहार दिए होंगे पर क्या हमने सबसे कीमती तोहफा ‘वक्त’ किसी को देने के बारे में सोचा है. शायद नहीं, क्योंकि किसी को वक्त देना आज तक हमारी नजरों में कीमती नहीं था पर अब ‘पेनसिल्वानिया यूनिवर्सिटी’ की रिसर्च को देखते हुए लगता है कि दूसरों को वक्त देने से अपने अंदर के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है जो व्यक्ति के मानसिक स्तर को मजबूत करता है.
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