आसियान देशों में शरीर में आयरन की कमी से मुकाबला करने के लिए आयरन फिश का इस्तेमाल किसी को भी चौंका सकता है. आयरन फिश यानि लोहे की मछली, अरे! कभी सुना है लोहे की भी मछली होती है? चौंकिए मत जनाब, ये कोई असली जिंदा लोहे की मछली नहीं बल्कि मछली के आकार में लोहे की आकृति है जिसे शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए विकासशील देशों और खासकर कंबोडिया, थाइलैंड आदि आसियान देशों में इस्तेमाल किए जाने के लिए निर्मित किया गया है.
मनुष्य के शरीर में वक्त के साथ कई कमियां आ जाती हैं, जैसे कि कमजोरी, खून की कमी और अन्य कई बीमारियां. इन सभी कठिनाइयों से लड़ने के लिए हम कई घरेलू नुस्खे अपनाते हैं और साथ ही विशेषज्ञों से भी राय लेते हैं. यह सभी तरीके कुछ मुश्किल भी होते हैं जिन्हें अपनाने में हम अकसर आलस दिखाते हैं. लेकिन यदि हमें अपनी तकलीफें दूर करने का कोई साधारण उपाय मिल जाए तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है. कुछ ऐसे ही उपाय करेगी यह ‘आयरन फिश’.
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आयरन फिश यानी लोहे की मछली, जिसे अपने भोजन में डालने से आपके शरीरे में से आयरन की कमी दूर हो सकती है और आप बिलकुल तंदुरुस्त हो सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि यह मछली कहां पाई जाती है तो हम आपको बता दें कि यह असल में ज़िंदा मछली है ही नहीं. यह एक लोहे की धातु से बनाई गई मछली होती है जिसे यदि आप भोजन पकाते हुए बर्तन में रख दें तो यह खाने को सही मात्रा में आयरन देती है.
हाल ही में कनाडा के शोधकर्ताओं ने खाना बनाते समय इस मछली को बर्तन में डाल देने का सुझाव दिया है. उनके अनुसार यदि इस मछली को खाना बनाते समय इस्तेमाल किया जाए तो इससे खाने को आयरन मिलता है और शरीर में आयरन की कमी भी दूर हो जाती है. यह तरीका आपको एनिमिया से बचने में काफी मदद कर सकता है. आज एनिमिया के कारण अरबों लोग दुनिया के कोने-कोने में प्रभावित हैं.
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कुछ समय पहले तक लोहे के बर्तन में खाना बनाना भी एक विकल्प माना जाता था लेकिन इस बढ़ते दौर में लोगों को लोहे के बर्तन में खाना बनाना पसंद नहीं आया. तब कनाडा की गुल्फ यूनिवर्सिटी के एक विशेषज्ञ ने खाने में एक लोहे की साबुन के आकार वाली बट्टी डालने का सुझाव दिया. बाद में इस बट्टी को मछली का आकार देकर थोड़ा आकर्षक बना दिया गया.
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