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सौतन से कम नहीं है स्मार्ट फोन

excess use of phoneआधुनिक वैज्ञानिक उपकरण भले ही व्यक्ति के जीवन, उसकी दिनचर्या को सहज बनाने में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हों, दिनोंदिन हाइटेक होती जा रही हमारी जीवनशैली में फोन और कंप्यूटर जैसी अत्याधुनिक तकनीकों ने अपना एक ऐसा स्थान बना लिया है, कि अब इनके बिना जीवन व्यतीत करने की कल्पना भी निरर्थक लगती है. लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है, इसीलिए अगर हम इन तकनीकों का प्रयोग आवश्यकता से अधिक करते हैं तो निश्चित तौर पर यह हमारे व्यक्तित्व और जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा.


बाजार में आए-दिन नई और आकर्षक तकनीकों से लैस स्मार्ट मोबाइल और कंप्यूटर अपनी उपयोगिता सिद्ध करते जा रहे हैं. लेकिन एक नए शोध के अनुसार व्यक्ति जितना ज्यादा ऐसे स्मार्ट फोनों का प्रयोग करता है, उतना ही वह अपने संबंधों से दूर चला जाता है. विशेषकर प्रेम संबंधों के मामले में यही अत्याधुनिक मोबाइल फोन बहुत घातक सिद्ध होते हैं.


ब्रिटेन में हुए इस सर्वे के अनुसार हर 8 में से एक महिला ने यह बात स्वीकार की है कि उसका जीवनसाथी स्मार्ट फोन में ज्यादा उलझा रहता है.


उल्लेखनीय है कि पुरुष रोजाना 17 घंटे फोन को अपनी पहुंच में रखते हैं जिनमें से 18 प्रतिशत पुरुष सोते वक्त भी फोन कोअपने पास रखते हैं. मजेदार बात तो यह है कि जिन प्रेमी-जोड़ों में प्यार के रिश्ते मजबूत हैं, उनकी भी दूसरी सबसे बड़ी पसंद फोन ही है.


सर्वे के मुताबिक महिलाएं करीब 15 घंटे अपने फोन के साथ बिताती हैं, जो पुरुषों की तुलना में 2 घंटे कम है. महज 16 फीसदी महिलाएं ही फोन अपने पास रखकर सोती हैं.


यही नहीं करीब 34 प्रतिशत व्यक्तियों ने आमने-सामने की बातचीत में मैसेज या ईमेल भेजने की बात कबूली. 27 प्रतिशत ने माना कि वे डिनर लेने या फिल्म देखने के दौरान भी फोन या कंप्यूटर पर निगाह रखते हैं. 90 प्रतिशत वयस्कों ने यह बात स्वीकार की है कि त्यौहार, पार्टी या किसी अन्य पारिवारिक अवसर पर भी वो फोन में ही उलझे रहते हैं.


इस विदेशी सर्वेक्षण को अगर हम भारतीय परिदृश्य में देखें यहां आमतौर पर पुरुषों में गैजेट-प्रेम अधिक देखा जाता है. विदेशी पुरुषों की भांति वह भी ऐसे स्मार्ट मोबाइल के प्रति जल्दी आकर्षित हो जाते हैं. दोस्तों में अपनी पैठ बनाने और अपडेटेड रहने के लिए वे इन्हें जल्द से जल्द खरीदने की चाहत रखते हैं. लेकिन धीरे-धीरे वे इसके दीवाने हो जाते हैं और अपने जीवन साथी से ज्यादा समय वे मोबाइल पर बिताना पसंद करते हैं. पत्नी या प्रेमिका के साथ समय बिताते हुए भी वह मोबाइल पर मैसेज या बात करते हैं. स्मार्ट फोनों में फेसबुक और गूगल जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स भी आसानी से और जल्दी खुल जाती हैं जिसके कारण वे अपना अधिकांश समय नेट पर गप-शप करते हुए बिताते हैं.


फोन पर समय बिताना उन्हें इतना भाता है कि वह धीरे-धीरे उनके लिए एक ऐसी लत बन जाती है जिससे पीछा छुड़ाना भी मुश्किल हो जाता है.


उपरोक्त चर्चा के आधार पर यह कहा जा सकता है कि अगर सही समय पर पुरुषों की यह आदत ना सुधरी तो जल्द ही यह उनकी पत्नी के लिए सौतन का स्थान ले सकती है जो उनके वैवाहिक संबंध में बिखराव पैदा कर सकती है.


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