आमतौर पर महिलाओं को फिल्मी हिरोइनों की तरह दिखना और उनके तौर-तरीकों को अपनाना खूब भाता है. फैशन की दीवानगी इस हद तक महिलाओं के ऊपर सवार रहती है कि वे बिना सोचे-समझे महंगे परिधानों पर व्यय करती हैं. उनका मानना है कि ऐसा कर वे फैशनेबल कहलाने के साथ-साथ अन्य महिलाओं के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बन सकती हैं.
फैशन और आकर्षण की इस होड़ में आपने महिलाओं को लंबी-लंबी हील पहने जरूर देखा होगा. चाहे उनसे ना भी चला जाए लेकिन वह अन्य लोगों के बीच खुद को बेहतर और मॉड साबित करने के लिए ऊंची-ऊंची हीलों में घूमती-फिरती रहती हैं.
लेकिन एक नई रिपोर्ट की मानें तो महिलाओं की यह दीवानगी उनके लिए नकारात्मक सिद्ध हो सकती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार ऊंची हील पहनना और लंबे समय तक इन पर चलने से एड़ी की नस पर दबाव पड़ता हैं जो पैरों को एक दम सपाट बना सकता है. अगर महिलाएं ज्यादा देर तक अपनी लंबी और पतली हील पर खड़ी रहती हैं तो यह पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के लिए अत्यंत कष्टकारी हो सकता है. एडनब्रुक्स अस्पताल, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के शोधकर्ताओं और सर्जन के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी ऑफ इस्ट एंगलिआ के वैज्ञानिकों ने यह प्रमाणित किया है कि सपाट पैरों की परेशानी तब सामने आती हैं जब पैरों की नसें शरीर में प्राकृतिक रूप से मिलने वाले प्रोटीन के कारण कमजोर पड़ जाती हैं. सपाट पैरों के कारण आप कभी भी गिर सकते हैं, चलने में विभिन्न तरह की परेशानियों और दर्द से जूझ सकते हैं. वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि उनकी यह स्टडी ऐसे प्रोटीन से लड़ने वाले दृग, जिसे उन्होंने एंजाइम्स का नाम दिया है, के विकास में भी मददगार हो सकती है.
अनुभवी शोधकर्ताओं और डॉक्टरों द्वारा संपन्न इस अध्ययन को भारतीय महिलाओं की जीवनशैली और उनकी प्राथमिकताओं पर भी समान रूप से लागू किया जा सकता है. प्राय: युवतियों को इन लंबी-लंबी हीलों में घूमते हुए देखना अब कोई हैरानी वाली बात नहीं रही है. चलने में वे सहज महसूस करें या नहीं लेकिन खुद को मॉडर्न दिखाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती हैं. शरीर को कष्ट पहुंचाकर ना जाने वे कौन सी होड़ में अव्वल आना चाहती हैं. हो सकता है यह अध्ययन पढ़ने के बाद उनमें थोड़ी परिपक्वता आए.
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