दांपत्य जीवन में सबसे ज़रुरी चीज होती है खुशी और खुशी पैदा होती है सही तालमेल से. शादी से पहले हम सबकी चाहत होती है कि हमको ऐसा साथी मिले जो हमें खूब प्यार करे और हमारे सुख-दुःख में हमेशा साथ दे. लेकिन ऐसा साथी मिलना इतना आसान कहां.
पुरुष और महिला जब जवान हो जाते हैं तो घर वालों को उनकी शादी की चिंता होने लगती है. घरवाले हमेशा से आस में रहते हैं कि एक अच्छा सा रिश्ता मिल जाए तो अपने लड़के या लड़की की झट से शादी कर दें. इसके लिए घरवाले बहुत छानबीन भी करते हैं, सुन्दर, सुशील वर-वधू की तलाश के लिए रिश्तेदारों और पंडितों से भी कहलाया जाता है. इसके साथ-साथ आजकल ज़माना तकनीकी का गया है. आजकल तो शादी के लिए भी ऑनलाइन पोर्टल आ गए हैं. बस इन पोर्टल पर रजिस्टर करिए और शुरू आपका सफ़र.
एक बार ढंग का रिश्ता मिल जाता है तो फिर मिलाई जाती है कुंडली. अगर कहीं लड़का मांगलिक हो तो लड़की भी मांगलिक होनी चाहिए. लड़के और लड़की के गुण मिलने भी ज़रुरी हैं और अगर कुंडली मिल गयी तो फिर एक-दूसरे को देखना और वहां भी बात बन गयी तो फिर “बैंड बाज़ा बारात.”
इतने सारे काम आदमी पगला ही जाए. और अब शादी करने वालों की परेशानी को और बढ़ा दिया है ऑस्ट्रेलिया के एक गणितज्ञ क्लायो क्रेसवेल ने. उनकी किताब “सेक्स एंड मैथमैटिक्स” के अनुसार अगर महिला या पुरुष कम से कम 12 लोगों में जीवन साथी तलाशने की कोशिश करते हैं तो यह गारंटी है कि उनका दांपत्य जीवन 75 फीसदी खुशहाल होगा. दरअसल, क्लायो क्रेसवेल ने एक फार्मूले के आधार पर ये तय किया है कि कुंवारे लोगों को परिणय सूत्र में बंधने से पूर्व लगभग दर्जन भर विवाह प्रस्तावों पर विचार करना चाहिए. क्योंकि शादी के बाद लोगों की हमसफर से उम्मीदें बढ़ जाती हैं अतः शादी में जल्दबाज़ी सही नहीं होती.
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