यह बात सर्वमान्य है कि महिलाएं अपनी सुंदरता को लेकर बहुत चिंतित रहती हैं. आयु बढने के कारण चेहरे पर हल्की झुर्रिया पड़ने से उनकी चिंता और अधिक बढ़ने लगती है. वे बाहरी व्यक्तित्व की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग करती हैं जिससे उनकी उम्र तो छुपे ही साथ ही वह आकर्षक भी दिखें. यह प्रसाधन चाहे कितने ही महंगे क्यों ना हों लेकिन उनकी प्राथमिकता बस सबसे ज्यादा खूबसूरत लगना है.
हो सकता है कुछ महिलाएं इस तथ्य को स्वीकार ना करें लेकिन एक नए अध्ययन ने महिलाओं की इस चिंता को पूर्णत: प्रमाणित कर दिया है. इस शोध के अनुसार जैसे-जैसे महिलाओं की आयु बढ़ती है उन्हें सबसे ज्यादा चिंता किसी और की नहीं बल्कि अपने सौंदर्य की होने लगती है. महिलाएं नहीं चाहतीं कि वह अपना रूप-सौंदर्य गवाएं जिसके लिए वह हर संभव प्रयत्न करती हैं.
इस अध्ययन ने महिलाओं की ही नहीं पुरुषों की चिंता के विषय को भी ढूंढ निकाला है. नतीजों के अनुसार बढ़ती उम्र के साथ महिलाएं अपनी खूबसूरती को लेकर फिक्रमंद रहती हैं, वहीं पुरुष अपनी सेक्स लाइफ के विषय में चिंतित रहते हैं
यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ से जुड़ी समाज शास्त्री केट वुदथ्रूप का कहना है कि महिलाएं चेहरे को आकर्षक रखने के लिए कुछ भी कर सकती हैं वहीं पुरुष उम्र के साथ आती शारीरिक समस्याओं को ज्यादा गंभीर मानते हैं.
इस सर्वेक्षण में चालीस वर्ष से ऊपर के 1100 वयस्कों को शामिल किया गया जिनमें हर तीन में से एक महिला का यह कहना है कि वह अपने लुक्स को लेकर चिंतित रहती है. यही नहीं उनकी बढ़ती आयु उन्हें इस विषय में सोचने के लिए विवश करती है. इस पक्ष पर मात्र 21 प्रतिशत पुरुषों ने ही अपनी स्वीकृति दी और माना कि वह भी अपने व्यक्तित्व को लेकर सोचते हैं. वहीं 32 प्रतिशत पुरुष और मात्र 12 प्रतिशत महिलाओं ने यह कहा कि बढ़ती उम्र के मामले में वे सेक्स लाइफ के लिए चिंतित होते हैं.
उल्लेखनीय है कि महिलाओं का अपनी खूबसूरती के प्रति इतना रुझान और चिंता का सिर्फ मनोवैज्ञानिक ही नहीं बल्कि आर्थिक पहलू भी है.
डेली एक्सप्रेस में प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं ने पाया कि उन्हें अपनी खूबसूरती की फिक्र इसीलिए भी सताती है कि कहीं पति के बाद उन्हें दिवालिया ना होना पड़े. अगर वह खूबसूरत नहीं रहेंगी तो उन्हें या तो नौकरी नहीं मिलेगी या फिर नौकरी से निकाल दिया जाएगा. इसीलिए खूबसूरत रहना उनका शौक नहीं मजबूरी भी बन जाती है.
भले ही नौकरी में महिलाओं का कॅरियर लंबा हो लेकिन पुरुषों की अपेक्षा उन्हें काम के प्रति आश्वासन नहीं मिल पाता.
भारतीय परिदृश्य में महिलाएं अपनी खूबसूरती को लेकर जागरुक रहती हैं. एक-दूसरे से बेहतर दिखने की जैसे एक होड़ सी लगी हुई है. यही कारण है कि आज के दौर में एंटी-एजिंग क्रीम और सौंदर्य प्रसाधनों का कारोबार जोरों पर है. महंगे-महंगे कपड़े और ब्यूटी प्रॉडक्ट्स महिलाओं की प्राथमिकता हैं.
सुंदर दिखना किसे नहीं पसंद होता इसीलिए महिलाओं की यह ख्वाहिश रहती है कि वह सबसे अधिक आकर्षक दिखें. भौतिकवाद से ग्रस्त और प्रतिस्पर्धा प्रधान आज के समय में व्यक्तियों को बाहरी आकर्षण की कसौटी पर ही परखा जाता है.
यही कारण है कि महिला हो या पुरुष लगभग सभी अपनी सुंदरता के लिए सोचते हैं. खुद को आकर्षक दिखाने की हर संभव कोशिश करते हैं और सुंदर दिखने में कोई बुराई भी नहीं है.
हालांकि खूबसूरत चेहरे के प्रति सभी आकर्षित होते हैं. लेकिन भारतीय महिलाएं सुंदर दिखने के लिए विदेशी मानसिकता को आधार बनाती हैं या नहीं इसके बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता.
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