टेलीविजन पर आपने वह विज्ञापन जरूर देखा होगा जिसमें कहा जाता है कि “आपकी त्वचा से तो आपकी उम्र का पता ही नहीं चलता” लेकिन विज्ञापन की यह पंच लाइन बात पते की करती है. महिलाएं सुंदर दिखने की और उम्र छुपाने की कोशिश बहुत करती हैं. आम धारणा यह है कि महिलाएं कभी भी अपनी उम्र सही नहीं बताती हैं परन्तु इसके विपरीत 29 साल की होते-होते वह अंदर से अपने आप ही बूढ़ी महसूस करने लगती हैं.
एक पुरानी कहावत है कि “आप अपने आप को बूढ़ा तब मानते हैं जब आप बुढ़ापा महसूस करने लगते हैं. एक शोध से यह पता चलता है कि महिलाएं अपने आप को 29 वर्ष की उम्र में बूढ़ी महसूस करने लगती हैं जबकि वहीं आदमी 58 की उम्र में अपने आप को बूढ़ा मानते हैं.
ऐलावों फ्यूनरल प्लांस के द्वारा कराए गए शोध से पता चलता है कि एक चौथाई महिलाएं जैसे ही अपने भूरे बाल देखती हैं वह अपने आप को बूढ़ी मानने लगती हैं वहीं पुरुषों में यह धारणा नहीं होती. पुरुष अपने आप को बूढ़ा तब मानते हैं जब वह यह महसूस करने लगते हैं कि उनकी शारीरिक और यौन क्षमता में कमी आ गई है.
शोध के नतीजे
• 10 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि जैसे ही उनकी त्वचा में शिथिलता आने लगती है वह अपने आपको बूढ़ी महसूस करने लगती हैं.
• 50 प्रतिशत महिलाओं का कहना था कि पहला बच्चा होने के बाद वह अपने आपको को बूढ़ी मानने लगती हैं.
• 3 प्रतिशत महिलाओं का कहना था कि मातृत्व की भावना का एहसास होते ही वह अपने आपको बूढ़ी मानने लगती हैं.
• दो-तिहाई पुरुषों का मानना है कि जैसे ही वह यह महसूस करते हैं कि उनकी यौन क्षमता में कमी आ रही है वैसे ही उन पर बुढ़ापा हावी होने लगता है.
मनोवैज्ञानिक कैरी कूपर के अनुसार, हमारे समाज में “महिलाओं का आकर्षक दिखना बहुत जरुरी होता है. जैसे ही महिलाएं यह महसूस करने लगती हैं कि वह अब आकर्षक नहीं दिखतीं वैसे ही वह अपने आप को बूढ़ी मानने लगती हैं. वहीं पुरुषों का अच्छा दिखना इतना महत्वपूर्ण नहीं होता.
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