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सहकर्मियों के साथ सहयोग ही दिलवाएगी सफलता

helpful colleaguesसफलता किसे अच्छी नहीं लगती. अगर आपके द्वारा किए गए परिश्रम का नतीजा सफलता का रूप ग्रहण कर ले तो निश्चित रूप से आपकी खुशियों की कोई सीमा नहीं रह जाती. लेकिन आज जब हम सभी सफलता के लिए प्रयासरत हैं तो निश्चित है कि हमें स्वयं को दूसरों से बेहतर साबित करना होगा. लेकिन इस चक्कर में खुद को दूसरों से अलग कर चलना कतई जरूरी नहीं है. प्राय: देखा जाता है कि सफलता के पीछे भागता व्यक्ति अपने साथ काम करने वाले या एक ही क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से ईर्ष्या, द्वेष रखता है या अहंकार जैसी भावनाएं रखने लगता है. अपने काम को पहचान दिलवाने के लिए वह दूसरों के राह में बाधा डालने से भी नहीं चूकता. कभी-कभार तो आलम यह हो जाता है कि अगर उसका अपना कोई प्रिय दोस्त भी उससे ज्यादा सफल हो जाए तो वह उससे भी क्रोधित हो जाता है. उसे लगता है कि अगर उसे सफलता हासिल करनी है तो सबसे अलग और सबसे आगे चलना पड़ेगा.


लेकिन दुर्भाग्यवश जो लोग ऐसा सोचते हैं वही सबसे ज्यादा पिछड़ जाते हैं. क्योंकि अकेले सफलता प्राप्त करना किसी भी रूप में संभव नहीं है. जब तक आप दूसरों के साथ चलना नहीं सीखेंगे तो आगे बढ़ना आपके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा. लेकिन ऐसा कहने का मतलब यह नहीं है कि आप हमेशा दूसरों के भरोसे ही अपना काम करें बल्कि दूसरों के साथ मिलकर एक टीम की तरह काम करें. आप अपने साथ काम करने वाले लोगों पर कैसा प्रभाव डालते हैं यहीं आपकी नियति तय करता है.


कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए आपको अपने भीतर निम्नलिखित गुणों का विकास करना बहुत जरूरी है:


  • प्रभावी बोलचाल: ऐसा माना जाता है कि दूसरों से आप किस तरह बात करते हैं यह आपकी छवि निर्धारित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसीलिए आप अपने साथ काम करने वाले लोगों के साथ विनम्रता से पेश आएंगे तो निश्चित ही आपका ऐसा स्वभाव उन्हें आपकी ओर आकर्षित करेगा और वे आपके साथ सहयोग भावना रखेंगे.
  • बांटना सीखें: एक अच्छे सहकर्मी की सबसे बड़ी पहचान है कि वह अपने उद्देश्य, कार्य से संबंधित योजनाएं और विचारों को दूसरों से बांटे. सिर्फ इसी डर से कि कहीं आपका श्रेय किसी और को ना मिल जाए आप सहकर्मियों से दूरी रखेंगे तो आपको ही नुकसान होगा.
  • सक्रिय प्रतिभागिता: अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए चाहे कितनी ही मेहनत क्यों ना करनी पड़े, एक अच्छा और समझदार व्यक्ति कभी भी पीछे नहीं हटता. अपने साथियों के कामों में भी उन्हें सहयोग दें.
  • लचीलापन: खुद को जटिल ना बनाएं. अगर आपके साथियों को आपकी जरूरत है तो उनकी सहायता करने में बिलकुल ना हिचकिचाएं. भले ही वह आपसे नीचे पद पर काम करता हो लेकिन खुद को जरूरत के अनुसार लचीला बनाए रखें. अगर कभी परिस्थितियां आपके पक्ष में ना भी हों तो क्रोधित नहीं होना चाहिए.
  • साथियों को आदर और समर्थन दें: अगरआप चाहते हैं कि आपके साथ काम करने वाले लोग आपका आदर और सम्मान करें, आपके साथ सहयोग करें तो सबसे पहले आपको ही इसे व्यवहारिक रूप देना होगा. जरूरत पड़ने पर अपने साथियों को समर्थन दें. उनके कार्यों को सराहें और उनकी गलतियों पर भड़कें नहीं.

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