बनती-बिगड़ती जीवनशैली के बीच इंसानी जीवन पिस सा गया है। टेंशन, तनाव, बीमारियों का घर बन चुका मानव आज हर समय किसी ना किसी चिंता में घुला जा रहा है। किसी को काम की चिंता है तो कोई खाली बैठे-बैठे परेशान हो गया है। कोई अपने कॅरियर को लेकर परेशान है तो कोई अपने घर की समस्याओं की वजह से तनाव में है। यही वजह है कि आजकल डॉक्टरों के पास भी मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं। बिगड़ती जीवनशैली की वजह से तनाव और मधुमेह जैसी बीमारियां बड़ी कॉमन हो गई हैं, जिसे उम्र या लिंग का अंतर भी प्रभावित नहीं कर पा रहा। हालात इतने बिगड़ते जा रहे हैं कि माता-पिता के गलत खान-पान और जीवनशैली की वजह से पैदा होते बच्चे भी मधुमेह की चपेट में आने लगे हैं, इतना ही नहीं फास्ट फूड के शौकीन बच्चे भी नाजाने कब मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी की जकड़न में फंस जाते हैं पता तक नहीं चलता। हालांकि मधुमेह आजकल की एक सामान्य समस्या बन गई है लेकिन हर इस बीमारी से जुड़े कुछ ऐसे भ्रामक तथ्य भी हैं जिन्हें जानना बेहद जरूरी है, जैसे:
ज्यादा वजन का अर्थ मधुमेह पीड़ित होना है: यह एक भ्रम से अधिक और कुछ नहीं है कि जिसका वजन अधिक होता है वह मधुमेह से पीड़ित हो जाता है. इतना ही नहीं यह बात भी बहुत सुनी जाती है कि मोटापे की वजह से लोग मधुमेह का शिकार हो जाते हैं जबकि यह एक भ्रांति से अधिक और कुछ नहीं है. कई बार मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति भी मधुमेह का शिकार नहीं होता तो कभी दिखने में कमजोर व्यक्ति के बारे में पता चलता है कि उसे डायबटीज है.
फलों का सेवन ना करें: मधुमेह से जुड़े एक और भ्रम की बात करें तो लोग यह मानते हैं कि फलों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होने की वजह से मधुमेह रोगियों के लिए इनका सेवन घातक है. लेकिन सच यह है कि आपको कौन से फल खाने हैं या नहीं खाने वो आपके डॉक्टर आपको बताएंगे इसलिए बिना सोचे-समझे फलों का सेवन करना ना छोड़ें.
कठोर व्यायाम करना चाहिए: लोग यह मानते हैं कि मधुमेह पीड़ित होने की वजह से आपको कठोर व्यायाम करना चाहिए ताकि आपकी डायबटीज नियंत्रित रह सके. लेकिन ये सही नहीं है क्योंकि कठोर व्यायाम का असर आपके दिल पर स्पष्ट पड़ेगा इसलिए जब भी व्यायाम करें अपनी हर्ट बीट को भी मॉनिटर करें.
कसरत कभी ना करें: कुछ लोग जहां कठोर करने जैसा सुझाव देते हैं तो वहीं कुछ कहते हैं कि कसरत करनी ही नहीं चाहिए जबकि सही तरीका यह है कि आपको व्यायाम तो करना चाहिए लेकिन एक सीमा तक. सबसे सही है आप एरोबिक्स क्लासेस जॉइन कर लें.
इंसुलिन लेना जरूरी है: लोगों का यह मानना होता है कि शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन की डोज लेना बहुत जरूरी होता है जबकि सच यह है कि इंसुलिन की जरूरत सिर्फ उन्हीं लोगों को पड़ती है जिनका शरीर हार्मोन का निर्माण नहीं कर पाता और ऐसा सिर्फ टाइप 1 डाइबटीज पीड़ितों के साथ होता है.
टाइप 2 डाइबटीज भी टाइप 1 की तरह खतरनाक नहीं है: अगर आप अपने खानपान और जीवनशैली पर नियंत्रण नहीं रखते तो कोई भी बीमारी घातक रूप ले सकती है. इसलिए डायबटीज को कंट्रोल रखने के लिए जरूरी है कि आप सही समय पर खाएं, व्यायाम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें.
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