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क्या अब ‘चाय’ पीनी भी छोड़नी होगी !!

take teaचाय पीना लोगों की आदत में इस तरह से शुमार है कि यदि एक दिन न मिले तो घर सर पर उठा लेते हैं. अगर चाय नहीं मिली तो कोई भी काम करने से मना कर देते हैं. अकसर देखा गया है कि लोग अपने दिन की शुरुआत चाय की चुस्की से करते हैं. कई लोग दिन में एक बार चाय लेकर अपने आप को तरोताजा महसूस कर लेते हैं तो कइयों के लिए हर घंटे चाय पीना भी कम साबित होता है. लेकिन एक अध्ययन से पता चला है कि अधिक चाय पीने वाला अपने आप को प्रोस्टेट कैंसर के नजदीक पाएगा. ब्रिटेन के ग्लासगो विश्वविद्यालय ने छह हजार लोगों पर कई वर्षों तक शोध करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.


अध्ययन में यह पाया गया कि कोई पुरुष यदि दिन में कम से कम सात या उससे अधिक बार चाय लेता है तो वह इस भयंकर रोग का शिकार हो सकता है. शोध से यह भी पता चला कि जो लोग अधिक से अधिक से चाय पीते हैं उनमें चाय न पीने वालों की तुलना में पचास फीसदी अधिक कैंसर होने की आशंका है. इसमें यह भी बात सामने आई है कि जो लोग ज्यादा चाय पीते हैं वे कम मोटे होते हैं तथा शराब से भी उनका नाता कम होने लगता है और उनका कोलेस्ट्रोल स्तर भी कम होता है.


अगर कोई चाय पीने का आदी है और बिना चाय के वह रह नहीं सकता तो इसके लिए उसे अपने खान-पान में बदलाव लाना चाहिए. उन्हें गुणकारी खाना खाना शुरू कर देना चाहिए और सामान्य चाय की जगह ग्रीन चाय पीनी शुरू कर देनी चाहिए.


अगर इस शोध को भारत के दृष्टिकोण देखें तो भारतीय चाय के बहुत ही ज्यादा शौकीन हैं. वह चाय को अपने काम और थकान के साथ जोड़ते हैं. यदि किसी ऑफिस में किसी व्यक्ति को चाय नहीं मिलती तो वह खुद को काम से जुड़ा हुआ महसूस नहीं कर पाता. वहीं अगर कोई व्यक्ति काम करने के बाद थकान महसूस करता है तो वहां भी उसे थकान को दूर करने के लिए चाय चाहिए. यहां तो चाय की ऐसी आदत है कि किसी व्यक्ति को खाना न मिले और चाय मिलती रहे तो वह सारा दिन गुजार सकता है.


खैर इस शोध में कितनी सच्चाई है यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन एक बात तो सच है कि यदि कोई भी चीज हम बड़ी मात्रा में लेने लगते हैं तो वह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होने लगती है और शायद चाय भी उसमें शामिल हो.


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