आजकल युवाओं में डेटिंग और अफेयर जैसे संबंधों का क्रेज बढ़ता जा रहा है. वैसे तो यह क्रेज समान रूप से सभी युवाओं को अपनी चपेट में ले चुका है लेकिन फिर भी बड़े-बड़े शहरों और महानगरों में यूथ-डेटिंग का सिलसिला अपने चरम पर है. हम प्राय: स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को मॉल और पार्कों में एक साथ घूमते देख सकते हैं. डेट पर जाना और एक-दूसरे के साथ समय बिताना अफेयर का एक महत्वपूर्ण पहलू है. लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि युवावस्था में स्थापित ऐसे संबंध आपसी समझ और भावनाओं की कमी के कारण अधिक समय तक नहीं चल पाते.
आमतौर पर यही देखा जाता है कि जिस तेजी से युवा तथाकथित प्रेम में पड़ते हैं उससे दुगनी तेजी के साथ उनकी भावनाएं किसी और के प्रति परिवर्तित हो जाती हैं. ऐसे में संबंधों का बनना-बिगड़ना एक सामान्य चक्र बन गया है.
उल्लेखनीय है कि डेटिंग जैसे संबंधों को प्रेम नहीं कहा जा सकता इसीलिए ऐसे संबंधों का टूटना या बनना किसी को खास प्रभावित नहीं कर पाता. यही वजह है कि एक व्यक्ति से संबंध टूटने से पहले ही दूसरे की तलाश प्रारंभ हो जाती है.
परंपरागत और रुढ़िवादी भारतीय समाज में भले ही युवाओं के बीच अफेयर जैसे संबंध निंदनीय और निम्नकोटि के समझे जाते हों लेकिन एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि युवाओं का ज्यादा से ज्यादा अफेयर्स रखना उनके आगामी वैवाहिक जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है.
अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी द्वारा संपन्न इस अध्ययन की मानें तो ज्यादा डेटिंग करना ना केवल वैवाहिक संबंध को मजबूत बनाता है बल्कि आपसी समझ को भी बढ़ाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आप अपने भावी जीवनसाथी को खुश रखना चाहते हैं तो विवाह से पहले भरपूर डेटिंग करें.
इस अध्ययन में 123 जोड़ियों को शामिल कर उनसे कुछ प्रश्न पूछे गए. जोड़ियों पर हुए इस सर्वे के बाद यह स्थापित किया गया कि अगर व्यक्ति विवाह से पहले ज्यादा लोगों के साथ डेट पर जाता है, जैसे अगर महिलाएं अधिकाधिक पुरुषों के संपर्क में आती हैं और पुरुष ज्यादा महिलाओं के, तो वे एक-दूसरे के स्वभाव को अच्छी तरह समझ जाते हैं जो उन्हें अपने जीवनसाथी को समझने में सहायता करता है जिसके परिणामस्वरूप उनकी मैरिड लाइफ सफल बनती है. क्योंकि वह यह बात अच्छी तरह समझ जाते हैं कि संबंधों में तालमेल कैसे बैठाया जाता है.
भारतीय परिदृश्य में जहां किसी महिला और पुरुष में विवाह से पूर्व निकट संबंध पूर्णत: वर्जित माने जाते हैं वहां डेटिंग संस्कृति को स्वीकार्यता मिलना इतना आसान नहीं है. युवाओं के लिए डेटिंग का आशय़ केवल साथ घूमना-फिरना और समय बिताना ही नहीं होता बल्कि इसमें शारीरिक आकर्षण भी बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमारे समाज में ऐसे संबंध अनैतिक और वर्जित की श्रेणी में आते हैं. विदेशों में डेटिंग करना और ज्यादा साथियों के साथ शारीरिक संबंध रखना एक सामान्य बात है लेकिन विवाह को सफल बनाने के लिए डेटिंग करने जैसी व्यवस्था को हमारा समाज शायद कभी भी सही नहीं ठहरा पाएगा.
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