Menu
blogid : 14564 postid : 725167

भयमुक्त हो चुके कर्मचारी!

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
  • 611 Posts
  • 21 Comments

(शरद खरे)
सिवनी जनपद के तहत छुई के समीप मानेगांव प्राथमिक शाला के एक दर्जन बच्चे मटर खाने से बीमार पड़ गए। कहा जा रहा है कि यह मटर फफूंद लगा हुआ था। इन बच्चों को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में दाखिल करवाया गया, जहां इनकी हालत खतरे से बाहर है। यह मटर तीन दिन पहले से फुलाकर रखी, बताई जाती है। कहा जा रहा है कि पिछले तीन दिनों से यहां खाना नहीं बनाया गया था, और तीन दिन पहले फुलाई गई मटर को ही बच्चों को खिला दिया गया, जो आपत्तिजनक है।
वैसे भी गर्मी का मौसम आ चुका है और गर्मी के मौसम में खाना अपेक्षाकृत जल्दी ही खराब हो जाता है। इसकी परवाह शायद ही किसी को हो। दरअसल, ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने की जुगत में ठेकेदारों द्वारा सरकारी कर्मचारियों को अपने पक्ष में कर अवैध काम धंधों को अंजाम दिया जाता है। किसी भी रास्ते से मुनाफा कमाने की जुगत में लोग यह भूल जाते हैं कि इससे किसी का कितना बड़ा नुकसान हो सकता है। हो सकता है कि इससे किसी की जान पर भी बन आए।
सिवनी जिले में कर्मचारियों के मानस पटल से प्रशासनिक भय पूरी तरह समाप्त होता दिख रहा है। इसका कारण यह है कि जिला कलेक्टर कई बार मध्यान्ह भोजन का निरीक्षण स्वयं कर चुके हैं। अगर जिला कलेक्टर स्वयं निरीक्षण कर रहे हैं और उनके निरीक्षण करते हुए चित्रों के साथ समाचारों का प्रकाशन और प्रसारण हो रहा हो तो इससे जिले भर में यह संदेश जाना चाहिए था कि कम से कम मध्यान्ह भोजन में तो कोताही जिला प्रशासन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं ही करेगा। विडम्बना ही कही जाएगी कि अनुविभाग या तहसील स्तर पर मध्यान्ह भोजन के निरीक्षण में अनुविभागीय राजस्व अधिकारी और तहसीलदार पूरी तरह उदासीन रूख ही अख्तियार कर रहे हैं।
यह वाकई गंभीर मामला है। इस तरह की लापरवाहियां क्षम्य अपराध की श्रेणी में कतई नहीं आती हैं। इसके पहले कुरई विकास खण्ड में भी इसी तरह का वाक्या हो चुका है। उससे भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया, जिसकी परिणिति अब इस रूप में सामने आई है। इस घटना की तो न्यायिक जांच होनी ही चाहिए, और दोषी सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी जैसी कठोर कार्यवाही होना चाहिए। ठेकेदार का अनुबंध समाप्त करना इसका इकलौता विकल्प नहीं है। ठेकेदार अब दूसरे नाम से ठेका ले लेगा, और वही लापरवाही फिर सामने आ सकती है। जिला प्रशासन को चाहिए कि इस संबंध में अब ‘कठोर कदम‘ उठाए।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply