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साई के बाद अब साई मंदिर आया विवादों में

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
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नगझर स्थित साई मंदिर में जमीन का गहराया विवाद
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। जगतगुरू स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के द्वारा शिरडी के साई बाबा को भगवान न मानने के आव्हान से उपजे विवाद के साथ ही साथ अब सिवनी में नगझर स्थित साई मंदिर विवादों के साए में आ गया है। अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय के द्वारा दी गई व्यवस्था में पूर्व में इस मंदिर के बारे में नायब तहसीलदार न्यायालय के आदेश को ऋुटिपूर्ण करार दिया गया है।
उल्लेखनीय होगा कि जगतगुरू स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा शिरडी के साई बाबा को भगवान का दर्जा दिए जाने की जमकर मुखालफत की जा रही है। बीते दिनों कवर्धा मेें आयोजित धर्म संसद में जगतगुरू की उपस्थिति में साई मंदिरों में हिन्दु देवी देवताओं और अन्य देवी देवताओं के मंदिरों में से साई बाबा की मूर्ति को बाहर निकालने की बात पर मुहर लगाई गई थी।
इस विवाद के चलते ही अब सिवनी में नगझर स्थित साई मंदिर भी विवादों के साए में आता दिख रहा है। बताया जाता है कि अनुविभागीय राजस्व अधिकारी न्यायालय मेें चल रहे सिमरिया ग्राम के साई मंदिर के स्वामित्व के प्रकरण को आठ अगस्त 2013 को प्रस्तुत किया गया था। इसके उपरांत 23 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितंबर, 30 सितंबर, 21 अक्टूबर, 11 नवंबर, 12 दिसंबर को इसकी पेशियां हुईं।
बताया जाता है कि इसके उपरांत 6 जनवरी 2014, 30 जनवरी, 17 फरवरी, 18 मार्च, 9 अप्रैल, 30 अप्रैल, 30 मई, 11 जून, 7 जलाई, 23 जुलाई, 28 अगस्त को पेशियां हुईं। चार सितंबर को हुई पेशी में आवेदक द्वारा कहा गया कि नगझर स्थित साई मंदिर वास्तव में ‘ऊँ श्री शिरडी साई संस्थान सिवनी‘ के नाम से पंजीकृत है। अपीलार्थी शरद पिता गोविंद प्रसाद अग्रवाल इस समिति के कोषाध्यक्ष हैं और उनके द्वारा ही यह आवेदन प्रस्तुत किया गया है।
शरद अग्रवाल का कथन था कि वे इस समिति के कोषाध्यक्ष हैं और इस भूमि के संबंध में अपील करने के अधिकारी हैं। माननीय न्यायधीश के द्वारा धारा पांच के तहत दिए गए आवेदन को चार सितंबर को मान्य कर लिया गया। इसके उपरांत 15 सितंबर को उत्तरवादी के न उपस्थित होने से उन्हें सूचना पत्र तामील किए जाने के निर्देश दिए गए। इस प्रकरण की अगली पेशी 25 अक्टूबर को रखी गई थी।
(क्रमशः जारी)

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