Menu
blogid : 14564 postid : 571061

पालिका के लिए नहीं मायने रखते कलेक्टर के निर्देश!

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
  • 611 Posts
  • 21 Comments

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)


सिवनी (साई)। नगर पालिका प्रशासन इस कदर बेखौफ हो चुका है कि उसकी नजर में जिला कलेक्टर भरत यादव के निर्देश भी कोई अहमियत नहीं रखते हैं। मनमर्जी पर उतारू नगर पालिका प्रशासन कई बार जिला कलेक्टर के आदेशों को धता बता चुका है।

गौरतलब है कि हाल ही में जिला कलेक्टर भरत यादव द्वारा तहसीलदारों, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के सीएमओ को तकीद किया था कि सड़कों के बीच में बैठकर अथवा सड़कों पर आवारा घूमकर आवागमन बाधित करने वाले जानवरों को पकड़कर कांजी हाउस भेजा जाए और इन जानवरों के मालिकों के खिलाफ कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

यहां उल्लेखनीय होगा कि जिला मुख्यालय में आवारा पशुओं का कोहराम देखते ही बन रहा है। शहर की शायद ही कोई सड़क ऐसी बची हो जिस सड़क पर आवारा पशु स्वच्छंद विचरित करते ना दिख जाएं। आवारा मवेशियों द्वारा बारिश के मौसम में शटर वाले सिवनी शहर‘ (नगर पालिका की मेहरबानी से सिवनी में घर कम शटर ज्यादा दिखाई देती हैं) के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के सामने गाय का गोबर, कुत्ते या सूअर का मल, या बकरी की लैंडी सुबह सवेरे मिलना आम बात है।

नगर पालिका परिषद के पास आवारा मवेशियों को पकड़ने के लिए बाकायदा हाका गैंग है। अगर कोई सूचना के अधिकार में इस बात को निकलवा ले कि यह हाका गैंग नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के कार्यकाल में कहां कहां गई और उसने अब तक अपने कर्तव्यों को क्या अंजाम दिया तो निश्चित तौर पर स्थानीय शासन मंत्री बाबू लाल गौर दांतों तले उंगली दबा लेंगे।

शहर भर में बारिश के मौसम में आवारा कुत्तों का आतंक चरम पर है। एक मर्तबा एक न्यायधीश महोदय इन कुत्तों से परेशान हो गए थे, उस समय नगर पालिका प्रशासन ने माननीय न्यायधीश महोदय की नजरें तिरछी होने के भय से शहर के सारे कुत्तों को पकड़वाकर कुरई घाट में छोड़ दिया था। इसके बाद आज तक कोई कार्यवाही इस संबंध में नहीं हुई है।

नगर पालिका प्रशासन के पास आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए एक अदद सुसज्जित ट्राली है, पर वह भी नगर पालिका के फिल्टर प्लांट के मैदान में खड़ी होकर जंग खा रही है और कंडम होने का इंतजार कर रही है। कहा जा रहा है कि अब तक अनुपयोगी रही यह ट्राली कंडम होगी तो दूसरी खरीदी जाएगी जिसमें एक बार फिर खेला जाएगा कमीशन का गंदा खेल।

इसी तरह शहर भर में आवारा सुअरों ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है। दस बारह से लेकर बीस की संख्या में आवारा घूमते सुअर लोगों के घरों में घुसकर उत्पात मचाते फिरते हैं। सालों से जिला चिकित्सालय में भी आवारा सुअरों द्वारा बच्चों को उठाए जाने की खबरें भी मीडिया की सुर्खियां बन चुकीं हैं।

इन परिस्थितियों में अब लोग यह कहने पर मजबूर हैं कि नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के नेतृत्व में नगर पालिका परिषद का प्रशासन सत्ता के मद में इतना मगरूर हो चुका है कि उसे ना तो जिला मुख्यालय के निवासियों के अमन चैन और सुख सुविधाओं की ही चिंता है और ना ही जिला कलेक्टर के आदेश की ही कोई परवाह है। लगता है सियासी जड़ें गहरी जमा चुके पालिका के नुमाईंदे जिला कलेक्टर के निर्देशों को भी कचरे की टोकरी में डालने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply