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बाघिन गायब थी तो डिवीज़न को क्यों नहीं दी गई सूचना!

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
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0 कैसे मरी मादा बाघिन . . . 4
बाघिन गायब थी तो डिवीज़न को क्यों नहीं दी गई सूचना!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। खवासा वृत्त के बफर जोन में मिले मादा बाघिन के सड़ांध मारते शव के बारे में गुत्थी अब तक सुलझ नहीं सकी है। वह मादा बाघिन किस रेंज की थी, यह बात भी अब तक उजागर न होने से वनाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगने आरंभ हो गए हैं।
वन विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उक्त मादा बाघिन संभवतः कर्माझिरी रेंज की हो सकती है। वैसे अगर सूत्रों की बातों पर यकीन किया जाए तो कर्माझिरी रेंज के अधिकारी और कर्मचारियों को संदेह के दायरे से परे नहीं रखा जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि कर्माझिरी प्रक्षेत्र में लगभग दो सौ केमरे लगे हुए हैं। इन केमरों की सहायता से जंगली जानवर विशेषकर बाघों पर नजर रखी जाती है। इन्हें वाईल्ड लाईफ कंजरवेशन ट्रस्ट के द्वारा बाघों की जनगणना के दौरान संस्थापित किया गया था और इन्हें वापस निकाला नहीं गया है।
सूत्रों का कहना है कि लगभग ढाई माह बीत जाने के बाद भी कर्माझिरी रेंज के अधिकारियों के द्वारा अपने क्षेत्र में इन केमरों में बाघों या बाघिनों के चित्र देखकर अपने क्षेत्र के जानवरों के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता था। सूत्रों का कहना है कि जिला मुख्यालय में बैठे आला दर्जे के वनाधिकारियों के द्वारा भी अब तक यह पता करने का प्रयास नहीं किया गया है कि मृत मादा बाघिन किस क्षेत्र की थी?
सूत्रों ने कहा कि बाघ एक ही मार्ग को अपनाता है और जब कर्माझिरी रेंज में केमरे लगे हैं तो अब तक तो यह आसानी से पता किया जा सकता था कि उनके क्षेत्र का कोई बाघ या बाघिन गायब तो नहीं है। सूत्रों ने कहा कि अगर एक दो दिन से ज्यादा समय तक केमरे में बाघ को कैद नहीं किया जाता है तो संबंधित रेंज के रेंज अधिकारी का यह दायित्व है कि वह इसकी सूचना अपने वन मण्डल अधिकारी को अवश्य ही दे।
सूत्रों ने यह भी बताया कि मादा बाघिन अगर कर्माझिरी रेंज की है और वह कुछ समय से गायब थी तो क्या वजह थी कि कर्माझिरी के रेंज अधिकारी के द्वारा अपने डिवीज़न को इस बात की जानकारी से महरूम रखा गया कि उनके रेंज से एक बाघ गायब है? सूत्रों का कहना है कि वनाधिकारियों को कर्माझिरी के रेंज अधिकारी से यह अवश्य ही पूछा जाना चाहिए था कि क्या उनके क्षेत्र का कोई बाघ या बाघिन गायब है? वस्तुतः ऐसा हुआ नहीं है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि इस तरह की लापरवाहियां गंभीर मानी जाती हैं और अगर कोई रेंज अधिकारी इस तरह की लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है, पर मादा बाघिन के मरे पाए जाने के उपरांत खवासा वृत्त के सारे अधिकारी कर्मचारियों को हटाया जाकर उनके स्थान पर कर्माझिरी के रेंज अधिकारी को खवासा का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है।
(क्रमशः जारी)

0 कैसे मरी मादा बाघिन . . . 4

बाघिन गायब थी तो डिवीज़न को क्यों नहीं दी गई सूचना!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। खवासा वृत्त के बफर जोन में मिले मादा बाघिन के सड़ांध मारते शव के बारे में गुत्थी अब तक सुलझ नहीं सकी है। वह मादा बाघिन किस रेंज की थी, यह बात भी अब तक उजागर न होने से वनाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगने आरंभ हो गए हैं।

वन विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उक्त मादा बाघिन संभवतः कर्माझिरी रेंज की हो सकती है। वैसे अगर सूत्रों की बातों पर यकीन किया जाए तो कर्माझिरी रेंज के अधिकारी और कर्मचारियों को संदेह के दायरे से परे नहीं रखा जा सकता है।

सूत्रों का कहना है कि कर्माझिरी प्रक्षेत्र में लगभग दो सौ केमरे लगे हुए हैं। इन केमरों की सहायता से जंगली जानवर विशेषकर बाघों पर नजर रखी जाती है। इन्हें वाईल्ड लाईफ कंजरवेशन ट्रस्ट के द्वारा बाघों की जनगणना के दौरान संस्थापित किया गया था और इन्हें वापस निकाला नहीं गया है।

सूत्रों का कहना है कि लगभग ढाई माह बीत जाने के बाद भी कर्माझिरी रेंज के अधिकारियों के द्वारा अपने क्षेत्र में इन केमरों में बाघों या बाघिनों के चित्र देखकर अपने क्षेत्र के जानवरों के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता था। सूत्रों का कहना है कि जिला मुख्यालय में बैठे आला दर्जे के वनाधिकारियों के द्वारा भी अब तक यह पता करने का प्रयास नहीं किया गया है कि मृत मादा बाघिन किस क्षेत्र की थी?

सूत्रों ने कहा कि बाघ एक ही मार्ग को अपनाता है और जब कर्माझिरी रेंज में केमरे लगे हैं तो अब तक तो यह आसानी से पता किया जा सकता था कि उनके क्षेत्र का कोई बाघ या बाघिन गायब तो नहीं है। सूत्रों ने कहा कि अगर एक दो दिन से ज्यादा समय तक केमरे में बाघ को कैद नहीं किया जाता है तो संबंधित रेंज के रेंज अधिकारी का यह दायित्व है कि वह इसकी सूचना अपने वन मण्डल अधिकारी को अवश्य ही दे।

सूत्रों ने यह भी बताया कि मादा बाघिन अगर कर्माझिरी रेंज की है और वह कुछ समय से गायब थी तो क्या वजह थी कि कर्माझिरी के रेंज अधिकारी के द्वारा अपने डिवीज़न को इस बात की जानकारी से महरूम रखा गया कि उनके रेंज से एक बाघ गायब है? सूत्रों का कहना है कि वनाधिकारियों को कर्माझिरी के रेंज अधिकारी से यह अवश्य ही पूछा जाना चाहिए था कि क्या उनके क्षेत्र का कोई बाघ या बाघिन गायब है? वस्तुतः ऐसा हुआ नहीं है।

सूत्रों ने यह भी बताया कि इस तरह की लापरवाहियां गंभीर मानी जाती हैं और अगर कोई रेंज अधिकारी इस तरह की लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है, पर मादा बाघिन के मरे पाए जाने के उपरांत खवासा वृत्त के सारे अधिकारी कर्मचारियों को हटाया जाकर उनके स्थान पर कर्माझिरी के रेंज अधिकारी को खवासा का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है।

(क्रमशः जारी)

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