मेरी आवाज सुनो
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मेरे पंख मुझसे न छीनलो,
मुझे आसमॉ की तलाश है।
मैं हवा हूँ मुझको न बॉधलो ,
मुझे ये समॉ की तलाश है।
मुझे माल ओ ज़र की ज़रुर क्या?
मुझे तख़्तो-ताज न चाहिये !
जो जगह पे मुझ को सुक़ुं मिले,
मुझे वो जहाँ की तलाश है।
मैं तो फ़ूल हूं एक बाग़ का।
मुझे शाख़ पे बस छोड दो।
में खिला अभी-अभी तो हूं।
मुझे ग़ुलसीतॉ की तलाश है।
न हो भेद भाषा या धर्म के।
न हो ऊंच-नीच या करम के।
जो समझ सके मेरे शब्द को।
वही हम-ज़बॉ की तलाश है।
जो अमन का हो, जो हो चैन का।
जहॉ राग_द्वेष, घृणा न हो।
पैगाम दे हमें प्यार का ।
वही कारवॉ की तलाश है।
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