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टाटा के ‘रतनÓ चंद्रशेखरन

Desh-Videsh
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यह दृश्य देख टाटा के प्रति टाटा समूह की कंपनियों के अंतर्मन को समझा-जाना जा सकता है। टाटा संस की छतरी तले आने वाली लगभग 100 कंपनियों में शायद टाटा स्टील ही अकेली है जो समूह के संस्थापक स्व. जमशेदजी नौसेरवान जी टाटा को इतने उत्साह-उमंग-तरंग से श्रद्धा के पुष्प अर्पित करती हो। टाटा के सारे प्रतिष्ठान दुल्हन की तरह सजते हैं। संस्थापक दिवस अर्थात तीन मार्च के पूर्व ही तैयारियां प्रारंभ हो जाती हैं। लौहनगरी की शान जुबिली पार्क में तो मानों परी लोक उतर आता है। टाटा समूह के सारे दिग्गज पधारे होते हैं। शायद ही ऐसा कोई साल बीतता हो, जब समारोह में टाटा संस के चेयरमैन न शिरकत करते हों। इस बार भी ऐसा हुआ लेकिन जिस शहर में टाटा ग्रुप की 10 कंपनियां हों, वहां उत्सुकता इस बात को लेकर चरम पर थी कि नए अगुवा अर्थात टाटा संस के नवनियुक्त चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन क्या बोलते हैं, उनका बॉडी लैंग्वेज कैसा रहता है? एमिरेट्स चेयरमैन रतन टाटा व चंद्रशेखरन के बीच का तालमेल कैसा है? एक-दूसरे के प्रति किस तरह का आचार-व्यवहार रखते हैं? अनुमान सच साबित हुआ। दोनों टाटा स्टील प्लांट में कर्मचारियों से इक_े रूबरू हुए तो रतन आगे और चंद्रशेखरन पीछे थे। रतन टाटा बार-बार चंद्रशेखरन को आगे कर रहे थे लेकिन वर्कर थे कि टाटा से मिलने को टूटे जा रहे थे। कोई हाथ मिला अपने को धन्य मान रहा था तो कोई ऑटोग्राफ लेकर। चंद्रशेखरन सबकुछ निहारे जा रहे थे। विस्मित कर देने वाला पल था। यह कहना गलत नहीं होगा कि टाटा समूह पर रतन टाटा का अब भी सिक्का चलता है। उनका आदेश-निर्देश पत्थर की लकीर होता है। शायद इसलिए जब टाटा ने साइरस को हटाने की ठानी तो मिस्त्री परिवार की तमाम बाधाओं के बावजूद दो से तीन महीने के अंदर टाटा ग्रुप की सारी कंपनियों से साइरस मिस्त्री चलता कर दिए गए। असाधारण आमसभा में रतन टाटा को शेयरहोल्डर्स के साथ कर्मचारियों का भरपूर प्यार मिला। चूंकि चंद्रशेखरन ने टाटा समूह से ही अपने कॅरियर की शुरुआत की है, वह टाटा संस्कृति में रचे-पगे हैं। जमशेदपुर में रतन टाटा के साथ चंद्रशेखरन ऐसे रहे जैसे कोई अभिभावक के साथ हो। टाटा ने भी भरपूर स्नेह दिया। जहां टाटा होते, चंद्रशेखरन पीछे हो जाते। यही तो भारतीय संस्कृति सिखाती है। चंद्रशेखरन ने जब भरोसा दिलाया कि वह टाटा समूह की अपेक्षाओं पर सौ फीसद खरा उतरेंगे तो लगे हाथ रतन टाटा ने भी कह डाला, नए मुखिया के नेतृत्व में टाटा समूह नई ऊंचाइयों को छूएगा।

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