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नेताओं की जुबान : नया-नया ज्ञान

फंटूश
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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को सुनिए। लालू जी, पब्लिक को अंग्रेजी में अपना लेटेस्ट ज्ञान दे रहे हैं-… एंड नाऊ नीतीश कुमार इज नो फैक्टर इन बिहार। वे इसे हिन्दी में दोहरा रहे हैं-अब नीतीश कुमार बिहार में कोई मुद्दा, मसला नहीं हैं। लालू जी का ज्ञान जारी है-अरे, ये (नीतीश कुमार) तो चुनाव के बाद फिर भाजपा में चले जाएंगे। देखिए, इनके मन में लालकृष्ण आडवाणी के लिए कितना साफ्ट कार्नर है! कह रहे हैं कि भाजपा में बुजुर्गों का सम्मान नहीं है। नीतीश जी के ये बुजुर्ग सांप्रदायिक तनाव के बड़े किरदार हैं। मैंने इनको गिरफ्तार कर मसानजोर भेजा था और नीतीश जी …! लालू जी का दो दिन पुराना ज्ञान है-अब भाजपा का ऊं नमो स्वाहा हो जाएगा। इससे तीन-चार पहले उन्होंने ज्ञान बघारा था-मौसम विभाग में आरएसएस घुस गया है। खाली अफवाह फैलाता है।

यह अपने ग्रामीण कार्य मंत्री डा.भीम सिंह का ज्ञान है-नरेंद्र मोदी बलात्कारी हैं। डाक्क साब के ज्ञान के अनुसार यह मोदी जी का नया अपराध है। यह मोदी जी के हत्यारा, दंगाई, सत्ता संरक्षण में नरसंहार करने वाला आदि अपराधों के अलावा है। मुझे डाक्क साब के इस ज्ञान के स्रोत की जानकारी नहीं है। हां, जदयू के लोग तालियां जरूर पीट रहे हैं।

अब खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक का नया ज्ञान सुनिए-नरेंद्र मोदी (भाजपा), लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की लोहे की प्रतिमा इसलिए बनवा रहे हैं, ताकि यह जंग लगकर सड़-गल जाए। असल में भाजपाई, लौह पुरुष से 1948 का बदला लेना चाहते हैं। पटेल ने इस साल गृह मंत्री के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को प्रतिबंधित किया था।

रोज दिन ऐसे तमाम तरह के ज्ञान बताने वाले भाजपाई बुरी तरह भड़क गए हैं। उनको जदयू का ज्ञान नहीं पच रहा है। गिरिराज सिंह को देखिए, सुनिए। उनका ज्ञान कहता है कि यह सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करवा रहे हैं। यह असहनीय है। अपने ज्ञान के हवाले उन्होंने मुख्यमंत्री को चेताया है-अपने मंत्रियों को रोकिए। नहीं तो हमलोग भी जदयू के नेताओं व मंत्रियों के चरित्र को बेनकाब करना शुरू कर देंगे। मुझको लगता है कि गिरिराज सिंह और उनके साथियों के पास अब भी ज्ञान का अतुलित भंडार है। यह अभी तक खुले में नहीं आया है। मैं नहीं जानता कि पिछले तीन महीनों के दौरान जदयू और भाजपा के बीच सबकुछ हो जाने के बाद अब बचता क्या है? और यह भी कि यह कितना भयावह होगा? दोनों की जुबानी लड़ाई में शब्द तो बहुत पहले ही मर्यादा खो चुके हैं। अब पता नहीं क्या होगा, क्या बोला जाएगा? चलिए, जो भी होगा, विचार एवं अभिव्यक्ति की परम स्वतंत्रता वाले महान भारत के अनुशासित नागरिक के नाते सुन लिया जाएगा।

जरा, लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान का ज्ञान सुनिए-प्रधानमंत्री पद पर नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी की घोषणा से भाजपा को नहीं, बल्कि आरएसएस को फायदा होगा। पासवान जी की बहुत दूर तक देखने वाली ज्ञानवान आंखें साफ-साफ देख रहीं हैं कि बिहार की लड़ाई  राजद-लोजपा गठबंधन और भाजपा के बीच होनी है। वे जीत वाली सीटें भी गिन चुके हैं। उन्हीं से सुनिए-अगर राजद-लोजपा गठबंधन से कांग्रेस जुड़ी, तो 30 सीटें और नहीं तो 25 की तो गारंटी है। उनका ज्ञान कहता है कि चाहे कुछ भी हो जाए, केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं बनेगी।

शाहनवाज हुसैन ने अभी अपना एक पुराना ज्ञान खुले में लाया है-मुझको नीतीश कुमार, पिछले लोकसभा चुनाव में हराना चाहते थे। सब उपाय किए। कामयाब नहीं हुए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं-हमलोग तीन महीने पहले जान गए थे कि भाजपा, नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार बना सकती है। कुर्सी के लिए उन तमाम हथकंडों को अख्तियार कर सकती है, जिसकी राजग के भीतर कभी चर्चा भी मुनासिब नहीं थी। वही सब तो हो रहा है, जो हमने सोचा था। इसलिए हमने भाजपा से नाता तोड़ लिया।

भाजपाई, मुख्यमंत्री के इस पूर्व ज्ञान पर अपने इस ज्ञान को थोपने पर जुटे हैं कि नीतीश कुमार विश्वासघाती हैं। भाजपा जगह-जगह विश्वासघात सम्मेलन कर अपने इस ज्ञान को पब्लिक में फैला रही है। जदयू, घूम- घूमकर अपने ज्ञान से भाजपा के इस ज्ञान को काट रहा है।

सत्ता से अलग होने के बाद सुशील कुमार मोदी को ज्ञान हुआ है कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार को फायदा नहीं होगा। अब इस बारे में शायद उनका दिमाग काम नहीं कर रहा है। इसलिए वे नीतीश कुमार से इसके फायदे के बारे में बार-बार पूछ रहे हैं। संजय सिंह (जदयू प्रवक्ता) मोदी जी को उन्हीं का लिखा लेख पढ़ा कर याद करा रहे हैं कि आखिर यह कौन सा ज्ञान था?

कामरेड का ज्ञान, बिहार की बिजली के वोल्टेज की तरह है। यह स्थिर नहीं है। कभी कुछ, तुरंत फिर कुछ और। कुछ दिन पहले एबी बद्र्धन का ज्ञान आया-जदयू से चुनावी तालमेल हो सकता है। भाकपा माले (लिबरेशन) ने फौरन अपना ज्ञान बताया-तब हम वाम ब्लाक से अलग रहेंगे। आज का कामरेडी ज्ञान सुनिए-वाम एकता की कीमत पर जदयू से समझौता नहीं होगा।

मेरी राय में कांग्रेसियों का ज्ञान भी बन, बिगड़ रहा है। मैं नहीं जानता कि उनका ज्ञान, कितनों को ज्ञानवान कर पाएगा? मैं देख रहा हूं-नेता अपने ज्ञान से पब्लिक का ज्ञान भटकाने में कामयाब हैं। वाकई नेता, नेता होता है।

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