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बड़ा नर्वस हूं। हो सके तो प्लीज, कोई मेरी मदद करे।
मेरा वैलेंटाइन बड़ा ही कंट्रास्ट सिचुएशन में फंसा दिखा। उस दिन सुबह-सुबह मुझे इसका ज्ञान कराया गया। एक चैनल पर एक बाबा जी प्रेम की महादशा समझा रहे थे। मैंने नोट किया कि इसके अनुसार अबकी मेरे वैलेंटाइन का स्कोप ही नहीं है। बाबा राशिफल के हवाले बता रहे थे कि मेरे प्रेम की महादशा बड़ी खराब चल रही है। किसी भी कलर का गुलाब काम नहीं करेगा। सूरजमुखी, गेंदा, जूही …, यानी पूरी फूल-फल बिरादरी मेरे लिए बेकार है।
इसी दौरान मेरे मोबाइल में कुछ एसएमएस टपके। इन बॉक्स चेक कर रहा था। मुझे कई ने प्रपोज किया हुआ था। बाप रे बाप …, ‘काजू खायें कि बादामÓ सी नौबत। एक से बढ़कर एक आफर। मैंने छुपकर मेसेज डिलीट करना शुरू किया था। पत्नी सामने आ गई। रुक गया। अब भी कुछ बचे हैं। एकाध आप भी जानिये-एक खुद को सुंदर-सलोनी होने की गारंटी करते हुए मुझसे पूछ रही है ‘क्या मुझसे प्यार करोगे?Ó उसके प्यार करने का चार्ज है-दस रुपये प्रतिमिनट।
प्रपोज करने वालियों की पूरी सिरीज है। ‘सोनी से बात करनी है, तो डायल करें …, रानी के लिए …, और डाली- गुडिय़ा-जानी-रूम्पा के लिए फलां- फलां नम्बर …! तगड़ा आप्शन है। ऐसे में बाबा की महादशा वाली बात मुझे बहुत कंफ्यूज करती रही।
खैर, मैंने भी अब मान लिया है कि एसएमएस बड़े काम की चीज है। कोई भी बाबा, पंचांग, लग्न इसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है। महादशा होगा अपने घर का। और लव थ्रू एसएमएस की तो पूछिये मत। भाई जी, हाई-फाई बात है। प्लीज, बीपीएल वाले आंख-कान बंद कर लेंगे। इस वैधानिक चेतावनी के बाद मैं निश्चिंत हूं। अब कोई किसी चक्कर में फंसता है, तो अपनी बला से।
बहरहाल, प्रपोज होने के बाद मैं वैलेंटाइन बाबा का शुक्रगुजार हूं। थैंक्स टू वैलेंटाइन बाबा। मेरी आंखें खोल दी है। मुझे लोअर मिड्ïल क्लास मेंटालिटी से उबार लिया। हाई क्लास मेंटालिटी का लेटेस्ट स्वाद दिया है। अहा, यह कितना रसीला है; कितना ताकतवर है-‘हिन्दुस्तनवाÓ को ‘इंडियाÓ बना रहा है।
एक चैनल प्यार का तरीका बता रहा था-‘कैसे किया जाता है प्यार का इकरार! कैसे करेंगे उन्हें प्रपोज इस वैलेंटाइन डे पर! आनलाइन जानिये डा.रिया से।Ó कुछ और मंत्र जानें-‘हे, मैं आपके जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक मंत्र डेडीकेट किया है। मंत्र सुनाने के लिए डायल करें टोल फ्री …, नो काल चार्जेज। ‘अगर चांद में दिखता है आपको अपने प्यार का चेहरा, तो मत करिये इंतजार। काल करें …। कह दो अपने दिल की बात एक गाने, शायरी के साथ। रेट 6 मिनट प्रति मिनट।Ó चैनल बदलने, मेसेज डिलीट करने के बीच पत्नी फिर आ गई थी। मैं उसको बड़ी गंभीरता से देख रहा था। बेचारी बहुत दिनों पर शरमायी थी। गारंटी है यही सोच रही होगी कि ‘आखिर इस मुए (मैं) को आज हो क्या गया है?Ó
वैलेंटाइन डे की पूर्व संध्या पर मेरा गजब का ज्ञानवद्र्धन हुआ है। प्रेम की नई-नई परिभाषाएं से रूबरू हूं। अपनी-अपनी परिभाषा है। जोड़ा बनाने का तरह-तरह का तरीका है। इसमें राशि तो काम करती ही है, मूलांक और जन्माक्षर का भी बड़ा महत्व है। पहली बार जाना कि प्यार में कपड़ों के रंग की भी अहमियत है। महादशा, महादशा है। बाबा जी ने सबका काट बताया। मगर मेरे वैलेंटाइन की जुगत नहीं बनी।
गुलाब के कई किस्मों और रंगों की परिभाषाओं की जानकारी हुई है। अभी तक मैं सिर्फ एक गुलाब के बारे में जानता था-लाल गुलाब। यह भी जाना कि अलग-अलग गुलाब देने के अलग-अलग दिन हैं। कितना गिनाएं ढेर सारी बातें हैं।
मैं मानने लगा हूं कि वाकई प्रेम का भू-मंडलीकरण हुआ है। प्रेम के रास्ते पर अपना भारत बहुत आगे बढ़ गया है। ‘किसÓ के कंपीटीशन हो रहे हैं। ‘बिंदास बोल कंडोमÓ का जमाना है।
मुझे प्यार और प्रेम में कोई बुनियादी अंतर नहीं दिखता है। लेकिन है। लव गुरु बताता है। आप इसे एक मेसेज से जानिये। हैप्पी सिंह अपनी पत्नी को प्यार और प्रेम का फर्क समझा रहे हैं-‘प्यार मैं अपनी बहन के साथ करता हूं और प्रेम तुम्हारी बहन के साथ।Ó हैप्पी की तरह मटुक भाई ने भी प्रेम की नई राह दिखायी है। वे प्रेम के मोर्चे पूरे बिहार की काउंसिलिंग कर रहे हैं। प्रेम के रास्ते की रफ्तार बड़ी तेज है। कुछ दिन में स्कूली पाठ्यक्रम में पे्रमशास्त्र को शामिल करने की मांग गूंज सकती है। अपना देश बड़ा उदार है। सब कुछ संभव है। अहा, कितना लजीज होगा वह सिलेबस! कल्पना से ही मुंह में पानी आ गया।
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