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आपके बच्चो पर आपका व्यवहार भी डालता है अपना प्रभाव

kuchshabd
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पहले एक ऐसे परिवार की कहानी लेते है जहा प्यार विशबास बड़ो का सम्मान दोनों जीवनसाथियो में था :-
गुनगुन एक बहुत ही प्यारी छोटी सी राजकुमारी थी जब वो छोटी थी तब उसकी मम्मी हमेशा उसको परियो की कहानी सुनती पापा उसके लिए अच्छे अच्छे खिलोने लाते जब शाम को पापा ऑफिस से आते मम्मी उनका बेसब्री से इन्तिज़ार करती रोज तयार होती अच्छा सा नाश्ता चाये के साथ, फिर वो सब एक साथ बैठ चाये पीते पापा मम्मी से और मम्मी पापा से दिन भर का हाल चाल लेते और छोटी सी प्यारी बेटी के साथ poem याद करते,उसके साथ खेलते उसको अच्छी बाते सिखाते जैसे पूजा करना बड़ो का आदर करना छोटो को प्यार करना और दोस्त बनाना सबसे मीठा बोलना / वो अपनी सुंदर से परिवार में बहुत खुश थी जहा दादा दादी ,चाचा चाची, बुआ,फूफा जी सब उसको खुब सारा प्यार देते / पापा हमेशा अपनी बेटी के भविष्य के लिए पैसे जमा करते मम्मी हमेश ये सोचती की अपनी बेटी को क्या नया सिखाये जो उसके हुनर को बडाये कभी संगीत सिखाती कभी डांस फिर एक दिन वो आया जब एक रिअलिटी शो टीवी पर आया मम्मी ने पापा को बताया की हमारी बेटी भी तो अच्छा डांस करती है क्यों न उसको भी आगे बडाये और दोनों ने अपनी बेटी को प्रोत्साहित किया वो उस रिअलिटी शो में जीत गई /यही नहीं जब वो बड़ी हुई तो उसके दिल में सबके लिए प्यार सम्मान था जिसकी बजह से वो जहा जाती खुशिया फेलाती हर जगह लोगो से प्यार सम्मान पाती/ यहाँ हमने देखा की जब माँ बाप के बीच प्यार सम्मान का रिश्ता होता है तो घर की बगिया हमेशा महकती है और एक सुंदर सक्षम सफल परवरिश की नीव रखती है /
एक ऐसे परिवार की कहानी लेते है जहा प्यार विशबास बड़ो का सम्मान दोनों जीवनसाथियो की आदत में शुमार नहीं था बल्कि घर में हमेशा कलह का महौल था :-
एक प्यारी से cute सी लड़की थी रावी,देखने में किसी परी से कम नहीं थी पर वो हमेशा उदास रहती उसको अकेला रहना ही काफी पसंद था वो अपनी हँसी ही हंसती और अपनी हंसी ही रोती किसी दुसरे का अपनी बात काटना उसको बिलकुल पसंद नहीं था जब कोई उसकी गलती उसको समझाता वो उसका पलट कर विरोध करती यहाँ तक की बात करना बंद कर देती और हर तरीके की कोशिश करती बदला लेने की धीरे धीरे उसके दोस्त और शुभ चिन्तक कम होने लगे और जहा भी वो जाती सब उसके लिए गलत ही धारणा बनाते कोई घमंडी कहता,कोई बातामीज तो कोई आदेश देकर कहता अपने बच्चो से की इससे दूर रहो जैसे जैसे वो उम्र में बड़ी होती गई अपने अकेलेपन के कारन depression में जाने लगी अब उसके parents को चिंता होने लगी की आखिर उनकी बेटी को हुआ क्या उसने खाना छोड़ा लोगो से बात करना छोड़ा हँसना छोड़ा और गुमनामी को अपना दोस्त बना लिया वो psychologist को दिखाने गए तब उस डॉक्टर ने बच्ची को hypnotist कर जाना की बचपन से वो अपने माँ पापा के प्यार को तरसी जब भी दोनों परेंट्स साथ होते आपस में गाली गलोज करते पापा अक्सर मम्मी को मारते जिसको देख वो लड़की सहम जाती धीरे धीरे उसके दिल में सबके लिए नफरत ने अपना घर कर लिया था उसने अपना बचपन बहुत पहले खो दिया घर में कलह की बजह से वो पड़ाई नहीं कर पाती थी जिसके कारण हमेश क्लास में सबसे लास्ट आती हर चीज़ में चाहे खेल हो या पड़ाई और कोई उससे दोस्ती नहीं करता स्कूल की छुटी के बाद दुखी मन से घर जाती क्योकि सोचती फिर किसी बात पर मारपीट हो रही होगी इस तरह उसकी प्रोग्रेस और सेहत दोनों उसके माँ पापा की कलह की बजह से ख़तम हो गए /आपकी कलह आपकी परवरिश को कमजोर,बदसूरत , गुमनामी की नीव देता है /
मेरा उद्देश्य आपको ये कहना था इन दोनों कहानियों से की आपके हाथ है अपने बच्चो का भविष्य आपको फैसला करना है की एक सुंदर सक्षम सफल परवरिश की नीव रखनी है अपने परिवार में शांति रख या कलह कर अपने घर को नरक बनाना है जो आपकी परवरिश पर ? चिन्ह लगा दे/

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