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एक बार (गीत)

maharathi
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लड़ना था उनसे लड़ लिए, करने थे जो काज कर लिए,

अब ये जंग खुद ही से है, दर्दे दिल कर में तलवार लिए।

हम ऐलान ए जंग करते हैं।

डर डर के जीना जी के क्या करना है एक बार

मर मर के जीना जीना क्या मरना है एक बार।। मुखड़ा।।

भ्रष्टाचार अराजकता अन्याय अनीति यार

ये अनुशासनहीनता व्यभिचार अत्याचार

मिटना है मिल कर सबको लड़ना है एक बार।।1।।

रुकना तेरा काम नहीं चलना तेरी शान

बढे चलो मंजिल मिले रुकने पर अपमान

पग पग कदम बढेगा पर बढना है एक बार।।2।।

एक अकेला तू नहीं मन में ये मान ले

दिल्ली कोई दूर नहीं दिल में जो ठान ले

बनता है कारवाँ मगर चलना है एक बार।।3।।

चल परिवर्तन की डगर वह राह गाद की

कहने को है बहुत मगर बातें वो बाद की

तुम से ‘महारथी’ को ये कहना है एक बार।।4।।

डा. अवधेश किशोर शर्मा ‘महारथी

वृन्दावन, मथुरा (उ.प्र.)

+919319261067

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