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दृश्य संख्या 1
उन्होंने सरकार बनाली
क्योंकि उन्हें बहुमत प्राप्त है।
प्रतिशत वोट मिले हैं उन्हें।
सोचिये 38 प्रतिशत लोग उनकी सरकार बनाने का समर्थन कर रहे हैं
तो 62 प्रतिशत लोग उनकी सरकार बनाने का विरोध कर रहे हैं।
लेकिन होता क्या है?
62 प्रतिशत के ऊपर 38 प्रतिशत भारी पड़ गया।
वन्दा भारी विरोध के बावजूद कुर्सी पर चढ गया।
यह भारतीय लोकतंत्र का जादू नहीं तो और क्या है?
दृश्य संख्या 2
वह कुख्यात बड़ा गुण्डा है
जो उसकी बात न माने उसे ठोकता है
डरते हैं हजारों बच्चे बूढे उससे शहर में
नहीं चाहते वह उनका प्रतिनिधि बने
और जाये लोकसभा में।
कुख्यात ने चुनाव में पर्चा दाखिल कर दिया
रूलिंग पार्टी के टिकट पर
शहर में करा देता है सारे रास्ते जाम
विरोधी को घुसने नहीं दिया कलक्ट्री में समय से
वन्दा निर्विरोध एमपी बन गया।
जनता देखती रह गयी
वह मंत्री भी बनेगा एक दिन
वाह रे मेरे देश के लोकतंत्र
लोकतंत्र पर ठोकतंत्र हावी है।।
दृश्य संख्या 3
हमारा विरोध रूलिंग पार्टी से था।
चुनाव में विरोधी पार्टी के
समर्थित अन्य पार्टी के
बाहर से आये उम्मीदवार को वोट दिया
रूलिंग पार्टी के उम्मीदवार को हराने के लिए
और उसे हरा दिया।
विजेता उम्मीदवार की पार्टी ने
गठबंधन बदल दिया
रूलिंग पार्टी का समर्थन कर दिया
सरकार बनी और खुद मंत्री बन गया।
हमारे वोट का खुले आम बलात्कार हुआ
उसका इस्तेमाल वहाँ हुआ
जहाँ हम नहीं चाहते थे।
यदि हमें यही करना था तो
वह जो रूलिंग पार्टी का उम्मीदवार क्या बुरा था।
वह तो शहर का अपने घर का था।
सोचिये मजबूरी वस गर्व से कह रहे हैं
कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश
के स्वतंत्र नागरिक हैं।
लोकतंत्र को शौकतंत्र में बदलने वाले
लोकतंत्र का आनन्द ले रहे हैं।
हम आज भी बलात्कार पीडि़त हैं।
डा. अवधेश किशोर शर्मा ‘महारथी’
वृन्दावन, मथुरा (उ.प्र.)
+919319261067
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