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धन्य भारतीय संस्कृति

बागी बलिया जय जय जननी मातृभूमि माटी उत्तर पर्देश जननी भारत माता की जय
बागी बलिया जय जय जननी मातृभूमि माटी उत्तर पर्देश जननी भारत माता की जय
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धन्य भारतीय संस्कृति
 
 धन्य भारतीय संस्कृति अपनी,
प्रेम बहुत अधिकार नहीं है।
विकास, भला सबका चाहे जो,
ऐसा दावेदार नहीं हैं।।
छुआछूत का भाव न रखती,
धर्मों का सत्कार यहीं है।
ज्ञान भक्ति कर्मों का प्रांगण
मेरा चारों धाम यही है।।

जहाँ गंगा-जमुना सरस्वती
बहती हैं जिसके आँगन में।
तीन ओर सागर लहराता
अडिग हिमालय प्रांगण में।।

जग में ऊँचा रहे तिरंगा,
भारत माँ का मान यही है।
जय-जय भारत देश हमारा,
मेरा जीवन प्राण यही है।।

दूर देश में रहकर भी जो,
राष्ट्र एकता प्रेम नहीं हैं।
लानत ऐसे जीवन को है
वह सच्चा भारत वीर नहीं है।।

– शरद आलोक
 
 जय जय जननी मातृभूमि माटी उत्तर पर्देश जननी भारत माता की जय- भारत माता भक्त क्रांतिकारी मनीष सिंह-भारत माता एक मौका दो तुम्हारा क़र्ज़ चुकाने का ,अपने इस बेटे से जो तुम माँगो जान, अपना सर काट कर  समर्पित कर  देगा ये क्रांतिकारी मातृभूमि भारत माता भक्त मनीष सिंह. जय जय जननी मातृभूमि माटी की जय

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