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अच्छाई को खोने ना दे !

विज्ञान जगत और मेरा समाज
विज्ञान जगत और मेरा समाज
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दोस्तों आज दीपावली का त्यौहार है। दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है। आज के माहौल में अच्छाई कही खो सी गयी है।  बुराई से मेरी मुलाकात अक्सर रोज होती है, एक नहीं कई बार होती है , लेकिन अच्छाई से बहुत कम  होती  है।  लोगो को छोटी छोटी बातो पर लड़ते झगड़ते हुए , गाली गलौच करते हुए रोज देखना होता है। न्यूज़ चैनल पर एक पार्टी के नेताओ को दूसरी पार्टी के नेताओ पर जहर उगलते हुए , अमर्यादित  भाषा का इतेमाल करते हुए  रोज देखना  एवं  सुनना होता है। चोरी ,लूटपाट , हत्या ,बलात्कार, नशाखोरी आदि की घटनाओ को भी रोज देखने सुनने को मिलता है। परन्तु न्यूज़ चैनलों पर या अखबारों में समाज में अच्छाई का  सन्देश देने वाली जीवित  घटनाओ का होना ऐसे  उदाहरण बहुत काम देखने और सुनने को मिलते हैं।   यही बात हम अपने आस  पास , गली, मौहल्ले या गाव, शहर  में देखने को मिलती है।  आखिर ऐसा क्यों ? ऐसा इसलिए क्यों कि  हम अपने नैतिक मूल्यों की अहमियत को भूलते जा रहे हैं।




हम अपने नैतिक कर्तव्यो का निर्वाह सही से नहीं कर रहे हैं। नैतिक मूल्यों की अहमियत को भूलते जा रहे हैं। बस केवल अपने स्वार्थ अपनी इच्छाओ को पूरा करने में लगे हैं। अपनी इच्छाओ को पूरा करना कोई गुनाह नहीं है, लेकिन हम किस रास्ते पर चलकर उसको पूरा करते हैं। यह जरूर सोचनीय है। जीत हासिल करने का या अधिक  अमीर बन जाने का मतलब यह समझ लेना नहीं की बस अब तो हम ही हम है। दिवाली के इस त्यौहार पर बस यही कहुगा की हमको अपने अंदर अच्छाई का दीप जलाये रखना है। यह अच्छाई किसी भी रूप में हो सकती है दूसरो के साथ व्यवहार में प्रेमभाव बरतना , बच्चो को अच्छे संस्कार देना , दूसरो के दुःख में उनका साथ देना , बीमार ,असमर्थ और  असहाय लोगो की अपनी सामर्थ्य की अनुसार मदद करना, इन भावनाओ एव आशाओ की साथ सभी पाठकगणों एवं देशवासियो को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !


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