आईने के सामने
- 74 Posts
- 227 Comments
बटला पे रोई सोनिया, ये एहसान बहुत है।
शायद चुनाव क्षेत्र में, मुसलमान बहुत हैं।
बरसों पुराने जख्म, चुनावों में कुरेदो
भावनात्मक मुद्दों में, जान बहुत है।
लूटें वो पाँच साल, थमा-करके झुनझुना
शायद हमारी जनता, नादान बहुत है ।
करने के लिए वादे, फांसी पे जो लटकें
हर पार्टी में एसे, सलमान (खुर्शीद) बहुत हैं।
वैसे उन्होने लूटा है, इस देश को बरसों
एक बार फिर दो मौका, अरमान बहुत है।
Read Comments