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एक बार एक शराबी घर जा रहा था.जब घर कि गली तक वो जल्दी ही पहुँच गया तो
रोज कि अपेक्षा .उसने सोचा कि आज शायद ये शराब या तो नकली होगी और इसमें मिलावट कि गयी होगी.क्योंकि शराब में जब पैसे खर्च किये जाते है तो उसका मज़ा भी पूरा आना चाहिए .जब वो रोज घर के लिए चलता था तो एक quater पि कर और एक लेकर चलता था.जब उसे कुछ सरूर हो जाता था थोडा थोडा तो उसके कदम लड़खड़ाने लगते तो फिर वो गाना गाते हुए दूसरा quater मूँ से लगा लेता था.उसके बाद शुरू होता था असली मज़ा.उसके पैर आगे कि बजाई पीछे पड़ने लगते और वो झूमते हुए गिरता पड़ता घर कि तरफ चलने लगता .अचानक वो नाली में गिर पड़ता.और फिर कोशिश करता लड़खड़ाते हुए उठने कि
पर उठ नहीं पाता.पर इसमें ही उसे मज़ा आता. फिर काफी देर तक वो उसी में मज़ा लेता रहता अचानक koi कुता उधर से गुजरता और उसके मुँह पर धार मार देता.उसे बड़ा मज़ा आता गरम गरम मूत्र में .वो बड़े मज़े से जीभ फिराता. ये उसके रोज का रूटीन था बाद में उसके घर वाले उसे ढूँढ़ते हुए आते और किसी तरह उसको गाली देते हुएं उसे उठाकर ले जाते.पर आज ऐसा कुछ भी नहीं हुआ तो उसके सारा मूँड़ ख़राब हो गया. आज सारे पैसे ख़राब हो गए थे कुछ भी मज़ा नहीं आया.बिलकुल नकली शराब थी.
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